नई दिल्ली/देहरादून। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले साइबर धोखाधड़ी रैकेट के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को दिल्ली-एनसीआर और देहरादून में 11 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज मामले में की गई, जिसकी जांच सीबीआई और दिल्ली पुलिस की एफआईआर के आधार पर चल रही है।
पुलिस बनकर ठगे विदेशी-भारतीय नागरिक
प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि साइबर ठग खुद को पुलिस या जांच एजेंसियों का अधिकारी बताकर लोगों को डराते थे और गिरफ्तारी की धमकी देकर मोटी रकम वसूलते थे। कई मामलों में आरोपी माइक्रोसॉफ्ट या अमेजन की तकनीकी टीम का सदस्य बनकर भी लोगों को ठगते थे।
धन क्रिप्टो में बदला, हवाला से निकासी
ईडी की जांच में सामने आया है कि ठगी से जुटाई गई रकम को क्रिप्टोकरेंसी में बदला गया, फिर उसे यूएसडीटी (क्रिप्टो टोकन) में बदलकर नकदी में तब्दील किया गया। इस पूरे लेन-देन में यूएई स्थित हवाला ऑपरेटरों की भी भूमिका सामने आई है। अब तक करीब 260 करोड़ रुपये की रकम बिटकॉइन वॉलेट्स में ट्रेस की जा चुकी है।
ईडी की जांच जारी, कई आरोपियों की पहचान
ईडी सूत्रों के मुताबिक, मामले की गहन जांच जारी है और इसमें शामिल अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े आरोपियों की पहचान कर ली गई है। जल्द ही गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।

