हल्द्वानी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा 8 दिसंबर से 23 दिसंबर 2025 तक 15 दिवसीय अन्नदाता उत्सव का भव्य आयोजन किया गया, जो राष्ट्रीय किसान दिवस को समर्पित रहा। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य किसानों का सम्मान करना, बैंक और किसानों के बीच सीधा संवाद स्थापित करना तथा उन्हें आधुनिक बैंकिंग सेवाओं और सरकारी योजनाओं से जोड़ना रहा।
इस अवसर पर एसबीआई के उप महाप्रबंधक राजीव रंजन ने कहा कि वर्तमान समय में किसानों को बैंकिंग की नवीन सुविधाओं से जोड़ना बेहद आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बैंक “आपकी सेवा में सदैव तत्पर” है और ग्राहकों से सीधा संवाद स्थापित करना एसबीआई की प्राथमिकता है।
अन्नदाता उत्सव के तहत देशभर की 15,000 से अधिक ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी शाखाओं में ग्राम चौपाल, जागरूकता शिविर, एग्री एचएनआई कस्टमर मीट्स तथा रात्रि चौपालों का आयोजन किया गया। ग्राम स्तर पर आयोजित चौपालों में किसानों को क्रेडिट मॉनिटरिंग, साइबर सुरक्षा, धोखाधड़ी से बचाव और विभिन्न सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई।
उप महाप्रबंधक राजीव रंजन ने बताया कि बैंक द्वारा चयनित एग्री क्लस्टर्स और 101 फोकस जिलों में प्रगतिशील किसानों, एफपीओ, एग्री उद्यमियों और फूड प्रोसेसर्स के साथ सीधा संवाद किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों से किसानों को केवल उत्पादक ही नहीं, बल्कि प्रोसेसर बनने की दिशा में भी प्रेरणा मिल रही है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
एसबीआई प्रमुख सरकारी योजनाओं जैसे AIF, PMFME, पीएम कुसुम, किसान समृद्धि ऋण और e-NWR फाइनेंसिंग को प्रभावी रूप से लागू कर रहा है। इसके साथ ही एग्री एवं फूड एंटरप्राइज लोन के माध्यम से भंडारण, प्रोसेसिंग और कोल्ड चेन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
बैंक के 80,000 से अधिक बीसी-सीएसपी टचपॉइंट्स के माध्यम से देशभर में करीब 2 करोड़ कृषि ग्राहकों को डिजिटल केसीसी और रिलेशनशिप मैनेजर्स के जरिये त्वरित ऋण सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
कुल मिलाकर, एसबीआई का अन्नदाता उत्सव किसानों को सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत को आर्थिक रूप से मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रहा है।
