रामनगर। गौजानी गांव में कथित वक्फ जमीन पर शव दफनाने को लेकर उपजे विवाद ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। डीएम वंदना ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश जारी किए हैं। एडीएम वित्त एवं राजस्व पीआर चौहान की अध्यक्षता में गठित समिति में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और एसडीएम रामनगर शामिल हैं। यह टीम पूरे मामले की तह तक जाएगी।
मामला 29 मई का है, जब गौजानी में एक शव को दफनाने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हो गया। मुस्लिम पक्ष ने जमीन को वक्फ संपत्ति बताते हुए शव को वहीं दफनाने की कोशिश की, जबकि हिंदू पक्ष ने इसका विरोध किया। हालात तनावपूर्ण हो गए थे, जिसके बाद प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर विवादित भूमि की पैमाइश कराई।
इसी बीच गांव निवासी मंजू देवी ने 2 जून को डीएम को प्रार्थना पत्र सौंपते हुए दावा किया कि विवादित भूमि उनके ससुर स्व. हीराबल्लभ द्वारा उन्हें दान में दी गई थी, जिस पर वह करीब 50 वर्षों से निवास कर रही हैं। मंजू देवी का आरोप है कि 1984 में बिना किसी वैध प्रक्रिया के उक्त भूमि को वक्फ संपत्ति में दर्ज करा दिया गया।
महिला ने इस भूमि के वक्फ में दर्ज होने की जांच कराने और प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत उसे मालिकाना हक दिलाए जाने की मांग की है। डीएम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मामले की जांच जल्द शुरू की जाएगी और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने लोगों से संयम बरतने और किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचने की अपील की है। वहीं स्थानीय स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है, ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे।