उत्तराखंड : विदेश भेजने का झांसा देकर युवाओं से वसूले लाखों रुपये, इमिग्रेशन एजेंसी के मालिक समेत पांच पर केस

खबर शेयर करें

देहरादून। विदेश में नौकरी दिलाने और वीजा लगवाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं से लाखों रुपये की ठगी का संगठित मामला सामने आया है। डालनवाला कोतवाली पुलिस ने करनपुर क्षेत्र में संचालित एक्स ट्रेवल इमिग्रेशन एडवाइजर के मालिक समेत पांच आरोपितों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस जांच में संकेत मिले हैं कि यह ठगी का नेटवर्क सिर्फ देहरादून तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य जिलों तक भी इसकी पहुंच हो सकती है।

उत्तर प्रदेश के आंबेडकर नगर जिले के निजामुद्दीन नगर निवासी मोहम्मद रोशन ने डालनवाला कोतवाली में दी तहरीर में बताया कि उन्होंने अपने भाई मोहम्मद जौव्वाद और मित्र सुशील को रूस भेजने के लिए करनपुर स्थित उक्त इमिग्रेशन एजेंसी से संपर्क किया था। एजेंसी संचालक मोहम्मद चांद ने प्रति व्यक्ति 1 लाख 90 हजार रुपये में वीजा और विदेश भेजने का भरोसा दिलाया।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में भूकंप के झटके, नेपाल में था केंद्र

आरोप है कि इसके बाद अलग-अलग तिथियों में फोन-पे के माध्यम से 2 लाख 10 हजार रुपये आरोपित के खाते में ट्रांसफर किए गए। जब तय समय तक वीजा नहीं लगा और काम में कोई प्रगति नहीं हुई, तो आरोपित ने एक माह के भीतर रकम लौटाने का आश्वासन दिया। हालांकि, निर्धारित अवधि बीत जाने के बाद भी न तो वीजा मिला और न ही रुपये वापस किए गए। इसके बाद पीड़ित ने खुद को ठगी का शिकार बताया।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड: स्वास्थ्य विभाग में 300 डॉक्टरों की होगी भर्ती, 56 बांडधारी चिकित्सक सेवा से बर्खास्त

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि आरोपितों ने अन्य युवकों से भी इसी तरह धोखाधड़ी की है। राहुल, मित्रसेन और नाजिम से वीजा के नाम पर करीब सात लाख रुपये वसूले गए थे। पीड़ित राहुल ने इस संबंध में अपने गृह जनपद आंबेडकर नगर के थाना बसखारी में पहले ही शिकायत दर्ज कराई है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड: छात्रों से मिट्टी ढुलवाने का वीडियो वायरल, प्रधानाध्यापिका निलंबित...Video

डालनवाला पुलिस ने मोहम्मद रोशन की शिकायत पर मोहम्मद चांद, मोहम्मद साजिद, मोहम्मद शोएब, जितेश पाल और शहबाज के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि लेनदेन से जुड़े दस्तावेजों, बैंक खातों और डिजिटल भुगतान की गहन जांच की जा रही है। साथ ही अन्य संभावित पीड़ितों से भी संपर्क किया जा रहा है। पुलिस का मानना है कि यह एक संगठित गिरोह हो सकता है, जिसने कई युवाओं को विदेश भेजने का सपना दिखाकर ठगा है।