रुद्रपुर। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश चंद्र आर्या की अदालत ने लगभग 11 वर्ष पुराने काशीपुर के कुंडा थाना क्षेत्र में हुए बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड में बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने इस जघन्य हत्याकांड में दोषी पाए गए दस अभियुक्तों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए प्रत्येक पर ₹20,500 का जुर्माना भी लगाया है।
मामले की शुरुआत 24 अगस्त 2014 को उस वक्त हुई जब ग्राम दुर्गापुर निवासी बचन सिंह ने कुंडा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पीड़ित ने शिकायत में बताया कि उसका पुत्र हरनाम सिंह उर्फ हनी गाँव में अवैध कच्ची शराब के कारोबार का विरोध करता था। इसी रंजिश के चलते गाँव के ही कुछ शराब कारोबारियों ने उसके खिलाफ साजिश रची।
21 अगस्त 2014 को आरोपियों ने हनी के घर पहुंचकर उसे जान से मारने की धमकी दी थी। 22 अगस्त की शाम को अब्दुल रहमान नामक व्यक्ति ने हनी को बहाने से तुमड़िया डाम स्थित गुज्जर डेरा बुलाया, जहाँ पहले से घात लगाए बैठे अभियुक्तों ने हनी और उसके साथी कुलवंत सिंह उर्फ गोले की निर्मम हत्या कर शव जंगल में फेंक दिए। 24 अगस्त को दोनों शव मच्छी कोटा क्षेत्र से बरामद किए गए।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया और न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 18 गवाहों और पुख्ता साक्ष्यों के आधार पर आरोप सिद्ध किए।
अदालत ने जिन दोषियों को सजा सुनाई है, उनके नाम इस प्रकार हैं — जसवंत सिंह उर्फ नंदी, जसवंत सिंह उर्फ जस्सा, भगत सिंह उर्फ भगत, प्रकाश सिंह उर्फ पासी, लखवीर सिंह उर्फ वीरी, दारा सिंह, प्रकाश सिंह, चांदी सिंह, लाल सिंह उर्फ बलविंदर सिंह और बलविंदर सिंह उर्फ विंदर।
इस फैसले को क्षेत्र में न्याय की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। अभियोजन पक्ष ने अदालत के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह फैसला न्याय प्रणाली पर आमजन की आस्था को और मजबूत करेगा।