नई दिल्ली। लोकसभा ने मनरेगा का नाम बदलने सहित कई अहम प्रावधानों में संशोधन करने वाले ‘विकसित भारत–जी राम जी विधेयक’ को पारित कर दिया। कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पेश इस विधेयक पर सदन में देर रात तक चली बहस के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।
चर्चा का जवाब देते हुए मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि महात्मा गांधी सरकार के लिए केवल एक नाम नहीं, बल्कि आस्था, प्रेरणा और विश्वास हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार गांधी जी का अपमान नहीं कर रही, बल्कि उनके आदर्शों के अनुरूप गांवों के सशक्तीकरण की दिशा में काम कर रही है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उन्होंने रात डेढ़ बजे तक सदस्यों की बातें सुनीं, लेकिन विपक्ष द्वारा बार-बार हंगामा करना लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि दूसरे की बात न सुनना बापू के सिद्धांतों के विपरीत है और यह भी एक तरह की हिंसा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष गांवों के विकास से जुड़े विधेयक का विरोध कर रहा है, जबकि यह बिल ग्रामीण भारत के उत्थान को केंद्र में रखकर तैयार किया गया है। शिवराज ने दो टूक कहा कि सरकार किसी राज्य या क्षेत्र के साथ भेदभाव नहीं करती—कश्मीर से कन्याकुमारी और चेन्नई से गुवाहाटी तक पूरा देश एक है। बहस के दौरान विपक्षी सांसदों द्वारा विधेयक की प्रतियां फाड़कर सदन में उछालने की घटना भी सामने आई।
मनरेगा के नाम परिवर्तन पर सफाई देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि योजना की शुरुआत में इसका नाम महात्मा गांधी पर नहीं था और वर्ष 2009 में चुनावी वर्ष के दौरान उनके नाम को जोड़ा गया। उन्होंने दावा किया कि मनरेगा को प्रभावी ढंग से लागू करने का काम मोदी सरकार ने किया है, और इसके समर्थन में यूपीए व एनडीए शासनकाल के दौरान मानव श्रम दिवस और बजटीय खर्च के आंकड़े सदन में रखे।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि नाम रखने की सनक कांग्रेस में रही है। नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर योजनाओं, संस्थानों और राष्ट्रीय उद्यानों का उल्लेख करते हुए उन्होंने सवाल किया कि गांधी जी के नाम पर वास्तव में कितनी योजनाएं जमीन पर उतरीं?
अंत में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार ढोंग नहीं, काम की राजनीति में विश्वास करती है। मनरेगा की कमियों को दूर कर गांवों को मजबूत बनाना इस विधेयक का उद्देश्य है और सरकार ग्रामीण भारत के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
