देहरादून। विगत कई दिनों से कार्यस्थल से अनुपस्थित चल रहे और आंदोलन कर रहे उपनल कर्मचारियों पर सरकार ने अब सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे कार्मिकों पर ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ (नो वर्क–नो पे) का सिद्धांत कड़ाई से लागू किया जाएगा।
इस संबंध में सैनिक कल्याण विभाग के सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी ने बुधवार को उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम (उपनल) के प्रबंध निदेशक को आदेश जारी किए। आदेश में कहा गया है कि आउटसोर्सिंग के माध्यम से विभिन्न विभागों, निगमों और संस्थानों में तैनात उपनल कार्मिक जो आंदोलन के दौरान बिना अनुमति अनुपस्थित हैं, उन्हें चिन्हित किया जाए और उनके विरुद्ध नियमों के अनुसार अनुपस्थिति दर्ज की जाए।
साथ ही, सभी विभागों, संस्थानों और निगमों को निर्देशित किया जाएगा कि वे नो वर्क–नो पे प्रावधान का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें। प्रबंध निदेशक को तुरंत सभी संबंधित इकाइयों को निर्देश प्रेषित करने को कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि उपनल कर्मचारी बीते कई दिनों से नियमितीकरण, समान कार्य के लिए समान वेतन, और अन्य सेवा लाभों की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। देहरादून के परेड ग्राउंड के निकट कर्मचारी क्रमिक अनशन कर रहे हैं और प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में धरने में शामिल हो रहे हैं।
