उत्तराखंड पुलिस के खर्च में रिकॉर्ड उछाल…पांच साल में 419% वृद्धि, 40 करोड़ से 209 करोड़ पहुंचा बजट

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काशीपुर: उत्तराखंड पुलिस के खर्च में पिछले पांच वर्षों के दौरान असाधारण बढ़ोतरी सामने आई है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में जहां पुलिस विभाग का कुल खर्च 40 करोड़ 37 लाख रुपये था, वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह आंकड़ा चार गुना से अधिक बढ़कर 209 करोड़ 63 लाख रुपये तक पहुंच गया। यह जानकारी सूचना के अधिकार (RTI) के तहत उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से प्राप्त दस्तावेजों में सामने आई है।

पुलिस थानों में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरों समेत विभिन्न मदों में किए गए खर्च को लेकर काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) ने सूचना मांगी थी। इसके जवाब में उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय के लोक सूचना अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक (कार्यालय) कमलेश उपाध्याय ने बजट मैनुअल-8 के तहत वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक के वित्तीय विवरणों की सत्यापित प्रतियां उपलब्ध कराईं।

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साल-दर-साल खर्च में तेज उतार-चढ़ाव
RTI से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार—
2020-21: 40.37 करोड़ रुपये
2021-22: 64.35 करोड़ रुपये (59% वृद्धि)
2022-23: 42.10 करोड़ रुपये
2023-24: 146 करोड़ रुपये
2024-25: 209.63 करोड़ रुपये
पिछले पांच वर्षों में पुलिस विभाग के कुल खर्च में 419 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

वाहन, मशीन और तकनीकी मदों पर भारी खर्च
वित्तीय वर्ष 2024-25 में पुलिस विभाग ने—
मशीन, उपकरण व संयंत्र: 47.25 करोड़
वाहन संचालन, अनुरक्षण व ईंधन: 37.98 करोड़
वाहन क्रय: 24.95 करोड़
परिश्रमिक मद: 27.73 करोड़
कंप्यूटर हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर व अनुरक्षण: 10.49 करोड़
रुपये खर्च किए।

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सीसीटीवी मद में 17 गुना से अधिक की बढ़ोतरी
RTI में यह भी सामने आया कि पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का खर्च मशीन उपकरण एवं संयंत्र मद के तहत किया गया। 2020-21: 2.49 करोड़ रुपये, 2021-22: 2.49 करोड़ रुपये, 2022-23: 2.92 करोड़ रुपये, 2023-24: 17.62 करोड़ रुपये, 2024-25: 47.25 करोड़ रुपये। इस मद में 17 गुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।

कुछ मदों में कटौती, कई में हजारों प्रतिशत उछाल
RTI आंकड़ों के अनुसार वेतन, भत्ते, लेखन सामग्री, फर्नीचर व कार्यालय व्यय में 25% तक ही वृद्धि हुई। चिकित्सा प्रतिपूर्ति में 63% और सामग्री आपूर्ति में 55% की कमी आई। जबकि वाहन क्रय: 7130%, वाहन संचालन व ईंधन: 6121%, कंप्यूटर हार्डवेयर: 3165%, विज्ञापन: 2643%, परिश्रमिक: 2422%, लघु निर्माण: 2080% तक की असामान्य बढ़ोतरी दर्ज की गई।

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बजट प्राथमिकताओं पर उठे सवाल
सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन के अनुसार, खर्च के ये आंकड़े पुलिस विभाग की बजटीय प्राथमिकताओं और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ चुनिंदा मदों में अत्यधिक वृद्धि हुई है, जबकि कई आवश्यक मदों में या तो मामूली वृद्धि हुई या कटौती की गई।