नेपाल में फिर महसूस किए गए भूकंप के झटके, कोई नुकसान नहीं

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पिछले दो दिनों में दो बार कांपी धरती, वैज्ञानिक बोले- संवेदनशील है हिमालयी क्षेत्र

काठमांडू। नेपाल में सोमवार सुबह एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भारतीय समयानुसार सुबह 8:24 बजे आए भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, इसका केंद्र 29.24° उत्तरी अक्षांश और 81.77° पूर्वी देशांतर पर, जमीन से 14 किलोमीटर गहराई में स्थित था। झटकों के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए, हालांकि किसी भी जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है।

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दो दिन में दूसरी बार हिली ज़मीन

इससे पहले 29 जून को दोपहर 2:19 बजे, नेपाल में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था। उसका केंद्र 10 किलोमीटर गहराई में था और 29.35°N, 81.94°E पर स्थित था। उस घटना में भी कोई क्षति नहीं हुई थी, लेकिन लगातार दो दिन धरती के हिलने से लोगों में दहशत और चिंता का माहौल है।

तिब्बत में भी महसूस किए गए थे झटके

नेपाल के पड़ोसी देश तिब्बत में 23 मई को सुबह 9:27 बजे भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता भी 4.2 थी। वहां भी किसी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं मिली, पर विशेषज्ञों का कहना है कि यह पूरा क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील है।

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विशेषज्ञों की चेतावनी: सावधानी ज़रूरी

भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार, नेपाल भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव क्षेत्र में स्थित है, जिससे यह क्षेत्र लगातार भूगर्भीय तनाव में रहता है। इसी के चलते 2015 में गोरखा में आए 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने 8 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी और लाखों लोग बेघर हुए थे।

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नेपाल के कई क्षेत्रों, विशेष रूप से काठमांडू और पहाड़ी इलाकों में अधिकांश इमारतें भूकंप-रोधी नहीं हैं, जिससे छोटे झटके भी बड़ी तबाही में बदल सकते हैं। भूकंप के दौरान भूस्खलन की आशंका भी रहती है, जो जनहानि को और बढ़ा सकता है।

प्रशासन अलर्ट, लोग सतर्क

भूकंप के बाद काठमांडू सहित कई इलाकों में प्रशासनिक एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे भूकंप से जुड़ी सुरक्षा सावधानियों का पालन करें और आपात स्थिति में खुले स्थानों की ओर जाएं।