एनएच-91 गैंगरेप कांड में ऐतिहासिक फैसला: पांच दोषियों को उम्रकैद, पीड़ितों को मिलेगा मुआवजा

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बुलंदशहर। वर्ष 2016 में नेशनल हाईवे-91 पर हुए सनसनीखेज गैंगरेप और लूटकांड में अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोषियों को सख्त सजा सुनाई है। विशेष पॉक्सो न्यायाधीश ओपी वर्मा की अदालत ने मामले में दोषी पाए गए पांच आरोपियों को आजीवन कारावास और 1.81 लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अदालत ने आदेश दिया है कि जुर्माने की आधी राशि पीड़ित किशोरी और उसकी मां को दी जाएगी।

पीड़ित परिवार की ओर से दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की गई थी। सजा के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी वरुण कौशिक ने अदालत में दलील दी कि ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को सभ्य समाज से दूर रखना आवश्यक है। वहीं, सजा सुनाए जाने के बाद दोषियों ने खुद को निर्दोष बताते हुए फैसले पर असहमति जताई।

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गौरतलब है कि इस मामले में सीबीआई ने कुल छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इनमें से एक आरोपी की बीमारी के चलते जेल में मौत हो चुकी है, जबकि दो अन्य आरोपी अलग-अलग मामलों में नोएडा और हरियाणा पुलिस के एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।

यह दिल दहला देने वाली घटना 28 जुलाई 2016 की रात की है। नोएडा निवासी एक परिवार शाहजहांपुर में तेरहवीं कार्यक्रम में शामिल होने जा रहा था। देहात कोतवाली क्षेत्र में दोस्तपुर फ्लाईओवर के पास बदमाशों ने कार पर लोहे की वस्तु फेंककर उसे रुकवाया। इसके बाद परिवार के सभी सदस्यों को बंधक बनाकर कार समेत खेत में ले जाया गया। वहां तीन पुरुषों के हाथ-पैर बांध दिए गए और 14 वर्षीय किशोरी व उसकी मां के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी लूटपाट कर फरार हो गए।

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मामले की शुरुआती जांच में स्थानीय पुलिस की गंभीर लापरवाही सामने आई थी, जिसके चलते तत्कालीन एसएसपी सहित 17 पुलिसकर्मियों पर शासन स्तर से कार्रवाई की गई। पहले गिरफ्तार किए गए तीन आरोपी निर्दोष पाए गए, जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर जांच सीबीआई को सौंपी गई।

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सीबीआई की जांच में बावरिया गिरोह से जुड़े आरोपियों—जुबैर उर्फ सुनील उर्फ परवेज, सलीम उर्फ बीना उर्फ दीवानजी और साजिद (कन्नौज निवासी) सहित अन्य के नाम सामने आए। साक्ष्यों के आधार पर आरोप तय किए गए और 11 अप्रैल 2017 से मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद अब अदालत के इस फैसले को पीड़ितों के लिए न्याय और कानून व्यवस्था के लिए एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है।