नई दिल्ली। अमेरिका की यात्रा करने वाले भारतीयों सहित सभी विदेशी नागरिकों के लिए एक अहम और बड़ी खबर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने देश में विदेशियों की एंट्री और एग्जिट प्रक्रिया को और अधिक सख्त कर दिया है। अब अमेरिका आने-जाने वाले यात्रियों को ‘ट्रैवलर वेरिफिकेशन सर्विस’ (TVS) नामक कड़ी सुरक्षा जांच से गुजरना अनिवार्य होगा।
नए नियमों के तहत सबसे बड़ा बदलाव यह किया गया है कि अब तक जांच से छूट पाने वाले आयु वर्ग को भी बायोमेट्रिक जांच के दायरे में लाया गया है। अब 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और 79 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को भी अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराना होगा। इतना ही नहीं, डिप्लोमैटिक पासपोर्ट पर यात्रा करने वाले राजनयिकों को भी अब इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।
यह नया नियम 26 दिसंबर से अमेरिका के सभी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट्स, सीमा जांच चौकियों और सी-पोर्ट्स (बंदरगाहों) पर लागू कर दिया गया है। टीवीएस एक अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली है, जिसके तहत विदेशी यात्रियों की पहचान बायोमेट्रिक डेटा के माध्यम से सत्यापित की जाती है। इस प्रक्रिया में फेशियल रिकग्निशन तकनीक के जरिए यात्री की फोटो ली जाती है, जबकि कुछ मामलों में फिंगरप्रिंट स्कैनिंग भी कराई जा सकती है।
इन नियमों का सीधा असर भारतीय यात्रियों पर पड़ेगा, क्योंकि अमेरिका जाने वाले विदेशी यात्रियों में भारतीय तीसरे सबसे बड़े समूह हैं। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में प्रतिदिन औसतन करीब 4,000 भारतीय अमेरिका पहुंचे हैं। इस साल अब तक लगभग 15 लाख भारतीय अमेरिका की यात्रा कर चुके हैं, जबकि वर्ष 2024 में यह संख्या करीब 22 लाख थी।
नए नियमों के लागू होने के बाद भारतीय परिवारों, खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों के साथ यात्रा करने वालों को एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच में अधिक समय लग सकता है। ऐसे में यात्रियों को पहले से अतिरिक्त समय लेकर एयरपोर्ट पहुंचने की सलाह दी जा रही है।
