देहरादून/हरिद्वार। राज्य कर आयुक्त सोनिका के आदेश पर मुख्यालय की सीआई टीम ने इलेट्रिकल गुड्स (एलईडी लाइट्स, लिथियम बैटरी) का व्यवसाय कर रही चार फर्मों के व्यापार स्थलों पर भारी छापेमारी की।
जांच में सामने आया कि फर्मों ने आपस में खरीद-बिक्री दिखाकर करोड़ों की इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का खेल रचा, जबकि वास्तविक व्यापार नगण्य था। बिजली कटने के बावजूद फर्मों ने ई-वे बिल जारी कर फर्जी कारोबार को बढ़ावा दिया।
सितारगंज स्थित एक फर्म तो दो साल से बंद होने के बावजूद हरिद्वार की फर्मों के साथ मिलकर करोड़ों का कारोबार दिखा रही थी। ई-वे बिल डेटा और टोल प्लाजा क्रॉसिंग के अभाव से स्पष्ट हुआ कि माल की कोई वास्तविक आपूर्ति नहीं हुई।
छापेमारी में पाया गया कि गेट रजिस्टर में माल आने-जाने की कोई प्रविष्टि नहीं है। खासकर लिथियम बैटरी और इंटीग्रेटेड सर्किट के कारोबार में फर्जीवाड़ा किया गया। प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, इस खेल में 8 करोड़ रुपये से अधिक की GST चोरी उजागर हुई है।
छापेमारी रात भर जारी रही, टीमों ने डिवाइस और अभिलेख जब्त किए। कार्यवाही में कुल 10 टीमें और 30 अधिकारी शामिल थे, जो मामले की गहन जांच में जुटे हैं। राज्य कर विभाग का कहना है कि सभी संलिप्त फर्मों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और आगे भी इस तरह के वित्तीय अपराध पर सख्ती से नज़र रखी जाएगी।
