नई दिल्ली। मशहूर उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मंगलवार को उनसे 17,000 करोड़ रुपये की कथित ऋण धोखाधड़ी और धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) से जुड़े मामले में पूछताछ करेगा। 66 वर्षीय अंबानी आज दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पेश होंगे, जहां उनसे धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत लंबी पूछताछ की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने अनिल अंबानी को 1 अगस्त को समन भेजा था, जिसके बाद उनकी आज की पेशी तय हुई है। कारोबारी दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं।
तीन दिन चली थी छापेमारी, 35 से अधिक ठिकानों पर मारे गए थे छापे
ईडी की जांच जुलाई महीने में तब तेज हो गई जब 24 जुलाई से शुरू हुई छापेमारी मुंबई में लगातार तीन दिन चली। इस दौरान अनिल अंबानी समूह से जुड़ी 50 कंपनियों और उनके 25 अधिकारियों से संबंधित 35 से ज्यादा ठिकानों की तलाशी ली गई। जांच एजेंसी को शक है कि 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से अंबानी समूह की कंपनियों को मिले करीब 3,000 करोड़ रुपये के ऋण का दुरुपयोग किया गया।
लुकआउट सर्कुलर पहले ही जारी, विदेश जाने पर रोक
ईडी ने अनिल अंबानी के खिलाफ पहले ही लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी कर दिया था, जिसके चलते वे जांच अधिकारी की अनुमति के बिना देश छोड़कर नहीं जा सकते। माना जा रहा है कि जांच एजेंसी के पास कुछ अहम दस्तावेज और लेनदेन से जुड़ी जानकारियां हैं, जिन पर अब अंबानी का पक्ष जानना जरूरी हो गया है।
अनियमित निवेश और संदिग्ध ट्रांजैक्शन की जांच
जांच का दायरा केवल अनिल अंबानी तक सीमित नहीं है। ईडी विभिन्न कंपनियों, उनके निदेशकों और अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। आरोप है कि समूह ने अलग-अलग कंपनियों के जरिए कुल 17,000 करोड़ रुपये का ऋण लिया, जिसका उपयोग अनुचित या अनधिकृत गतिविधियों में किया गया।
यह मामला सिर्फ कॉर्पोरेट क्षेत्र ही नहीं, बल्कि बैंकिंग सिस्टम और कानून व्यवस्था के लिए भी एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। केंद्र सरकार की सख्त आर्थिक नीति और वित्तीय पारदर्शिता के माहौल में यह जांच बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

