उत्तराखंड: केदारनाथ यात्रा मार्ग पर दो दिन में 14 घोड़े-खच्चरों की मौत, संचालन पर 24 घंटे की रोक

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रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की संदिग्ध मौतों से हड़कंप मच गया है। बीते दो दिनों में 14 घोड़े-खच्चरों की मौत के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सचिव पशुपालन डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने सोमवार को यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के संचालन पर 24 घंटे की रोक लगा दी है।

डॉ. पुरुषोत्तम खुद रुद्रप्रयाग पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि मंगलवार को केंद्र सरकार की एक टीम और हरियाणा के हिसार से विशेषज्ञों की टीम केदारनाथ पहुंचेगी, जो मृत पशुओं की जांच कर मौत के कारणों का पता लगाएगी।

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उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया मौतों का कारण किसी बैक्टीरियल इंफेक्शन की आशंका है, हालांकि स्थिति स्पष्ट होने के लिए टीमों की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। सचिव ने कहा कि बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं।

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गौरतलब है कि 4 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच यात्रा मार्ग पर 16,000 से अधिक घोड़े-खच्चरों की जांच की गई थी, जिनमें से 152 पशु सीरो सैंपलिंग में पॉजिटिव पाए गए थे, हालांकि आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आई थी।

डॉ. पुरुषोत्तम ने स्पष्ट किया कि अब बिना जांच के कोई भी घोड़ा या खच्चर यात्रा मार्ग पर नहीं भेजा जाएगा। जिन पशुओं में नाक बहने जैसे लक्षण मिलेंगे, उनका आरटीपीसीआर टेस्ट कराया जाएगा और रिपोर्ट आने तक उन्हें क्वारंटीन सेंटर में रखा जाएगा।

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उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2010 में ऐसी स्थिति के बाद यात्रा पूरी तरह रोक दी गई थी, लेकिन इस बार पूर्व जांच और तैयारियों को देखते हुए यात्रा को रोका नहीं जाएगा।

प्रशासन द्वारा किए जा रहे इन प्रयासों का उद्देश्य यात्रा को सुरक्षित बनाए रखना और पशु कल्याण को प्राथमिकता देना है।