उत्तराखंड: पहली कक्षा में दाखिले की उम्र सीमा में बदलाव, अब 1 जुलाई तक छह वर्ष की उम्र जरूरी

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देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने पहली कक्षा में दाखिले के लिए आयु सीमा में बदलाव कर अभिभावकों और स्कूलों को बड़ी राहत दी है। अब कक्षा एक में दाखिले के लिए बच्चे की उम्र एक जुलाई तक छह वर्ष पूरी होनी चाहिए। इस संबंध में शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है।

पहले यह सीमा एक अप्रैल तक थी, जिससे कई बच्चे कुछ सप्ताह या महीनों के अंतर से दाखिले से वंचित रह जाते थे। इसको लेकर अभिभावकों में नाराजगी थी और राज्य बाल आयोग के समक्ष भी यह मामला पहुंचा था। आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने शिक्षा महानिदेशक को नियमों पर पुनर्विचार के निर्देश दिए थे।

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सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2011 में संशोधन करते हुए यह बदलाव किया है। अब बच्चे की उम्र पहली कक्षा में दाखिले के लिए 1 जुलाई तक छह वर्ष होनी चाहिए। शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला मौजूदा शैक्षिक सत्र में दाखिला लेने से वंचित रह गए हजारों बच्चों के हित में है।

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शिक्षा विभाग के अनुसार, वर्तमान में नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी में पढ़ रहे बच्चों को राहत दी गई है। उन्हें अगले वर्ष कक्षा एक में अध्ययन की अनुमति दी जाएगी और उनकी पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आएगी।

शासन ने स्पष्ट किया है कि आगामी सत्रों में सभी विद्यालयों के लिए यह अनिवार्य होगा कि प्री-स्कूल में दाखिले के समय न्यूनतम आयु का निर्धारण इस प्रकार किया जाए कि बच्चे कक्षा-एक में प्रवेश के समय छह वर्ष की उम्र पूरी कर चुके हों।

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यह संशोधन शिक्षा का अधिकार नियमावली 2025 के तहत लागू किया गया है और इससे न केवल अभिभावकों को राहत मिलेगी, बल्कि स्कूलों में दाखिला संख्या भी बढ़ेगी।

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