देहरादून। राजधानी में अवैध रूप से रह रही दो बांग्लादेशी महिलाओं को दून पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों लंबे समय से फर्जी भारतीय दस्तावेजों के सहारे शहर में ठहरकर रह रही थीं। इनमें से एक महिला ने तो हिंदू युवक से विवाह कर किराये के मकान में रहना भी शुरू कर दिया था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चल रहे ऑपरेशन कालनेमि के तहत लगातार कार्रवाई जारी है। अब तक दून पुलिस अवैध रूप से रह रहे 17 बांग्लादेशियों पर कार्रवाई कर चुकी है। इनमें आठ को फर्जी दस्तावेजों के साथ पकड़ा गया और जेल भेजा गया, जबकि नौ को डिपोर्ट किया जा चुका है।
पहली महिला ‘भूमि शर्मा’ के नाम पर बना रखे थे फर्जी दस्तावेज
24 नवंबर को पटेलनगर कोतवाली पुलिस को सूचना मिली कि क्षेत्र में दो बांग्लादेशी महिलाएं अवैध रूप से रह रही हैं। तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस ने देहराखास क्षेत्र से एक महिला को पकड़ा, जिसने अपना नाम भूमि शर्मा बताया। पूछताछ में उसका वास्तविक नाम बबली खातून पत्नी मोहम्मद मुनजू सामने आया।
पुलिस को उसके पास से आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी समेत कई फर्जी भारतीय दस्तावेज मिले। साथ ही उसके नाम से जारी एक बांग्लादेशी पहचान पत्र भी बरामद हुआ।
जांच में पता चला कि बबली खातून कोरोनाकाल के दौरान चोरी-छिपे सीमा पार कर भारत आई थी और वर्ष 2021 से देहरादून में रह रही थी। पहले से शादीशुदा होने के बावजूद उसने 2022 में एक हिंदू युवक से भी विवाह कर लिया था। पुलिस अब उस गिरोह की तलाश में है, जिसने उसके लिए फर्जी पहचान दस्तावेज तैयार किए।
दूसरी महिला भी गिरफ्तार, डिपोर्ट की तैयारी
पुलिस टीम ने कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए कारगी रोड, कालिंदी विहार फेज-2 से दूसरी महिला को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने अपना नाम बाबी खातून (41 वर्ष) पत्नी मोहम्मद रूबेल, निवासी बोगुरा, बांग्लादेश बताया। उसके पास से भी बांग्लादेशी पहचान पत्र की छायाप्रति मिली।
महिला ने बताया कि वह वर्ष 2023 में चोरी-छिपे सीमा पार कर भारत आई थी और देहरादून में मजदूरी कर जीविका चला रही थी। पुलिस ने उसे हिरासत में लेते हुए नियमानुसार डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि शहर में फर्जी दस्तावेज तैयार कराने वाले नेटवर्क को उजागर करने के लिए जांच तेजी से जारी है।
