नई दिल्ली। देश की न्यायपालिका के इतिहास में आज एक महत्वपूर्ण दिन दर्ज होने जा रहा है। साधारण मध्यमवर्गीय पृष्ठभूमि से निकलकर सर्वोच्च न्यायालय तक अपना मुकाम बनाने वाले जस्टिस सूर्यकांत आज भारत के 53वें प्रधान न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेंगे। उनका जीवन संघर्ष, अनुशासन और निरंतर परिश्रम का ऐसा उत्कृष्ट उदाहरण है, जो देशभर के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।
🏡 हिसार से शुरू हुआ न्यायमूर्ति सूर्यकांत का सफर
10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार जिले में जन्मे जस्टिस सूर्यकांत एक साधारण परिवार में पले-बढ़े। यहीं से उन्होंने कानून की पढ़ाई शुरू की और वकालत के क्षेत्र में कदम रखा। मेहनत और प्रतिभा की बदौलत वे लगातार आगे बढ़ते गए और न्यायपालिका के हर स्तर पर अपनी मजबूत पहचान बनाई। 2011 में उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की और इसमें प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त कर शैक्षणिक उत्कृष्टता भी दर्ज की।
⏳ कितने महीने का होगा उनका कार्यकाल
जस्टिस सूर्यकांत को इसी वर्ष 30 अक्टूबर 2025 को भारत का अगला प्रधान न्यायाधीश नामित किया गया था। वह लगभग 15 महीने तक इस पद पर रहेंगे। वे 9 फरवरी 2027 को 65 वर्ष की आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त होंगे। वे पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में कई महत्वपूर्ण फैसले देने के लिए जाने जाते हैं। इसके बाद उन्हें 5 अक्टूबर 2018 को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
⚖️ सुप्रीम कोर्ट में करियर के कुछ ऐतिहासिक फैसले
जस्टिस सूर्यकांत का सुप्रीम कोर्ट में कार्यकाल कई महत्वपूर्ण निर्णयों से भरपूर रहा:
अनुच्छेद 370 हटाने से जुड़े ऐतिहासिक फैसले में भूमिका निभाई।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिकता के अधिकारों पर महत्वपूर्ण निर्णय दिए।
राज्यपाल एवं राष्ट्रपति की शक्तियों से संबंधित राष्ट्रपति के परामर्श मामले की सुनवाई करने वाली पीठ में शामिल रहे। इस फैसले का देशभर में इंतजार है।
औपनिवेशिक युग के राजद्रोह कानून (सेडिशन) को स्थगित रखने वाली बेंच का हिस्सा रहे, जिसने सरकार के पुनर्विचार तक नई एफआईआर दर्ज न करने के निर्देश दिए।
बिहार में मसौदा मतदाता सूची से बाहर रखे गए 65 लाख मतदाताओं का ब्योरा सार्वजनिक करने का निर्देश निर्वाचन आयोग को दिया था।
🇮🇳 देश की न्यायपालिका को नई दिशा देने की उम्मीद
जस्टिस सूर्यकांत को न्यायिक संवेदनशीलता, सरलता, त्वरित न्याय और संतुलित दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है। उनके नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट से न्यायपालिका में कई सकारात्मक बदलावों की उम्मीद जताई जा रही है। आज राष्ट्रपति भवन में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में देश के कई दिग्गज न्यायविद, संवैधानिक पदाधिकारी और गणमान्य लोग मौजूद रहेंगे।
