हल्द्वानी की सियासत में ‘छवि’ का जलवा, मेयर गजराज का कद बढ़ा, विधायक भगत की बादशाहत पर लगा ब्रेक!

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हल्द्वानी। नैनीताल जिले की राजनीति में इन दिनों एक नाम खूब चमक रहा है—छवि कांडपाल बोरा। भाजपा के गढ़ में बगावत का ऐसा बिगुल फूटा कि सत्ताधारी दल को न सिर्फ हार का सामना करना पड़ा, बल्कि कई नेताओं की नींदें भी उड़ गईं। जिला पंचायत चुनाव की सबसे हॉट सीट रामड़ी आन सिंह पर भाजपा की बागी प्रत्याशी छवि ने ऐसी बाज़ी मारी कि पार्टी के पसीने छूट गए।

जहां भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया पूरे लाव-लश्कर के साथ मैदान में थीं, वहीं छवि कांडपाल बोरा ने अपने दम पर ऐसी सियासी चक्रव्यूह रच दी कि बड़े-बड़े नेता उसमें उलझ गए। 9118 वोटों के साथ ऐतिहासिक जीत हासिल कर छवि ने न सिर्फ विपक्षियों को चौंकाया, बल्कि अपनी ही पार्टी के रणनीतिकारों को भी आईना दिखा दिया।

बेला तोलिया को इस चुनाव में सिर्फ 6738 वोट मिले। हार का अंतर 2380 वोटों का रहा, जो साफ तौर पर यह दिखाता है कि जनता ने केवल चेहरा नहीं, बल्कि चरित्र और काम को तरजीह दी। दिलचस्प बात यह है कि छवि की इस जीत के पीछे हल्द्वानी के मेयर गजराज बिष्ट की बड़ी भूमिका रही, जिन्होंने पूरे दमखम के साथ छवि का प्रचार किया और हर मोर्चे पर डटे रहे। इससे मेयर गजराज का सियासी कद बढ़ा गया है।

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दूसरी तरफ, विधायक बंशीधर भगत की रणनीति इस चुनाव में बुरी तरह फेल हो गई। उन्होंने बेला तोलिया के समर्थन में पूरी ताकत झोंकी, पर जनता ने उनकी सियासी पकड़ को सिरे से खारिज कर दिया। यह नतीजा भगत के लिए सिर्फ हार नहीं, बल्कि एक सियासी संदेश है—जनता अब नाम पर नहीं, काम पर वोट देती है।

इस धमाकेदार जीत के बाद छवि कांडपाल बोरा ने भी बयानबाज़ी में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा, “हमने बगावत नहीं की, हम तो शुरू से ही भाजपा के साथ थे और रहेंगे। चुनाव के दौरान जो हुआ, उस पर अब कुछ कहना बेकार है। भाजपा हमारे खून में है, और मुख्यमंत्री धामी हमारे प्रेरणास्रोत हैं। छवि की बातों से एक बात तो साफ है—बगावत से ‘छवि’ भले बनी हो, लेकिन दिल अब भी भाजपा के साथ धड़क रहा है।

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इस चुनाव ने जहां भाजपा को आत्ममंथन पर मजबूर किया है, वहीं यह भी बता दिया है कि पार्टी टिकट अब जीत की गारंटी नहीं रहा। जनता जागरूक है, उसे अब चेहरे नहीं, चरित्र चाहिए। और छवि बोरा ने यह साबित कर दिया कि सही इरादों के साथ चुनाव लड़ो, तो जनता ‘चुप’ नहीं बैठती—वह ‘छवि’ बना भी देती है और बिगाड़ भी देती है!

जिला पंचायत अध्यक्ष पद की दौड़ में दीपा दरम्वाल सबसे मजबूत दावेदार

हल्द्वानी। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में देवलचौड़ बंदोबस्ती हल्द्वानी तल्ली सीट से जिला पंचायत सदस्य पद पर चुनाव लड़ीं दीपा दरम्वाल ने विरोधियों को पीछे छोड़ते हुए सर्वाधिक मतों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। इस जीत ने न सिर्फ उनके राजनीतिक कद को ऊंचा किया है, बल्कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद की दौड़ में उन्हें सबसे मजबूत दावेदार के रूप में भी स्थापित कर दिया है।

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दीपा दरम्वाल को इस चुनाव में क्षेत्र की जनता ने पूरे मन से समर्थन दिया। वे निवर्तमान जिला पंचायत उपाध्यक्ष आनंद सिंह दरम्वाल की धर्मपत्नी हैं, जिनकी जनसेवा और मजबूत पकड़ पहले से ही इलाके में स्थापित रही है। दीपा की जीत इस बात का संकेत है कि दरम्वाल परिवार पर जनता का भरोसा अब भी कायम है।

राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि दीपा दरम्वाल की बड़ी जीत उन्हें आगामी जिला पंचायत अध्यक्ष पद की दावेदारी में प्रमुख स्थान पर ला खड़ा करती है। उनके सामने अब संगठन के भीतर समर्थन जुटाना औपचारिकता भर रह गया है।

इस शानदार जीत ने न केवल देवलचौड़ क्षेत्र में जश्न का माहौल बना दिया है, बल्कि जिले की राजनीति में एक नई शक्ति के उदय का संकेत भी दे दिया है। दीपा दरम्वाल की यह जीत सियासी तौर पर कई नेताओं के लिए चुनौती बन सकती है।

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