उत्तराखंड: आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर हर चेकपोस्ट पर मिलेंगी स्वास्थ्य सुविधाएं, दो मई से शुरू होगी यात्रा

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30 अप्रैल से इनर लाइन परमिट जारी करने की प्रक्रिया होगी शुरू

पिथौरागढ़। आदि कैलाश यात्रा की तैयारियों को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है। गुरुवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यात्रा से जुड़ी व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई। डीएम ने बताया कि यात्रा मार्ग पर हर आईटीबीपी चेकपोस्ट पर यात्रियों और पर्यटकों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही, यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा और विभिन्न स्थानों पर एंबुलेंस भी तैनात रहेंगी।

डीएम ने बताया कि दो मई से आदि कैलाश यात्रा की शुरुआत होगी, जबकि 30 अप्रैल से इनर लाइन परमिट जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। परमिट जारी करने का कार्य धारचूला के एसडीएम और जिला अस्पताल के माध्यम से किया जाएगा।

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बैठक में डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग और शिवधाम में पेयजल, स्वास्थ्य, खाद्यान्न, संचार सहित सभी जरूरी व्यवस्थाएं समय रहते पूरी कर ली जाएं। उन्होंने आईटीबीपी अधिकारियों से हर चेकपोस्ट पर स्वास्थ्यकर्मियों की पर्याप्त तैनाती का आग्रह किया। वहीं, कुमाऊं रेजिमेंट से धारचूला में सेना की भूमि पर वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।

यात्रा मार्ग पर पेटी शॉप के जरिए धारचूला से गुंजी तक यात्री वाहनों को ईंधन आपूर्ति कराने के निर्देश भी दिए गए। साथ ही, गुंजी सड़क पर आने वाली सभी समस्याओं को दूर करने और यात्रा मार्ग पर सार्वजनिक शौचालय स्थापित करने की जिम्मेदारी जिला पंचायत को सौंपी गई है।

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डीएम गोस्वामी ने कहा कि यात्रियों को होम स्टे में बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके लिए समय-समय पर निरीक्षण किया जाएगा और किराया तय करने की प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी। इससे एक ओर यात्रियों को सुविधा मिलेगी, वहीं होम स्टे संचालकों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी।

डीडीहाट से पास जारी करने की मांग दोबारा उठी
डीडीहाट (पिथौरागढ़)। डीडीहाट तहसील से आदि कैलाश यात्रा के इनर लाइन पास जारी करने की मांग एक बार फिर से उठाई गई है। नगर पालिका अध्यक्ष गिरीश चुफाल ने इस संबंध में डीएम को पत्र भेजा है। उन्होंने लिखा कि वर्ष 1990 तक जौलजीबी इनर लाइन होने के चलते डीडीहाट से ही पास जारी होते थे, लेकिन छियालेख को इनर लाइन बनाए जाने के बाद यह व्यवस्था बंद कर दी गई। वर्तमान में यात्रियों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए उन्होंने डीडीहाट से भी पास जारी करने की मांग की है।

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