देहरादून। सहसपुर जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड सरकार के पूर्व वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के खिलाफ शुक्रवार को स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। इस चार्जशीट में रावत की पत्नी दीप्ति रावत, करीबी सहयोगी बिरेंद्र सिंह कंडारी, लक्ष्मी सिंह राणा और श्रीमति पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट को भी आरोपी बनाया गया है।
ईडी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, सहसपुर थाना क्षेत्र में दर्ज धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में यह कार्रवाई की गई। जांच में सामने आया कि हरक सिंह रावत, उनकी पत्नी और सहयोगियों ने साजिश के तहत 101 बीघा जमीन अपने नाम पंजीकृत कराई थी। न्यायालय ने बाद में इन पंजीकरणों को अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिया था।
अदालत के आदेशों की अवहेलना
जांच में यह भी सामने आया कि न्यायालय के स्पष्ट आदेशों के बावजूद स्व. सुशीला रानी ने कुछ अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर दो पावर ऑफ अटॉर्नी रजिस्टर्ड करवाईं। इसके आधार पर हरक सिंह रावत के करीबी कंडारी ने उक्त जमीनें दीप्ति रावत और लक्ष्मी सिंह राणा को बेहद कम कीमत पर बेच दीं। ये सौदे सर्किल रेट से काफी नीचे मूल्य पर किए गए थे।
जमीन पर मेडिकल संस्थान, ट्रस्ट के जरिए संचालन
ईडी ने यह भी उजागर किया कि जिन जमीनों की खरीद-फरोख्त की गई, उन पर अब ‘दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस’ नामक शिक्षण संस्थान संचालित किया जा रहा है, जिसे श्रीमति पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के माध्यम से चलाया जा रहा है। यह ट्रस्ट हरक सिंह रावत और उनके परिजनों के प्रत्यक्ष या परोक्ष नियंत्रण में बताया गया है।
ईडी ने जमीन को किया अटैच
जनवरी 2025 में ईडी ने इस विवादित 101 बीघा भूमि को 6.56 करोड़ रुपये के मूल्य पर प्रोविजनल अटैचमेंट आदेश के तहत जब्त किया था। जबकि इसकी वास्तविक बाजार कीमत 70 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।