नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार सुबह लातूर में 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से अस्वस्थ थे और घर पर ही उपचाररत थे। पाटिल लंबे समय तक राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में रहे और अपने व्यापक अनुभव से विभिन्न पदों पर महत्वपूर्ण योगदान दिया।
महाराष्ट्र के लातूर लोकसभा सीट से सात बार सांसद चुने गए पाटिल का क्षेत्र की राजनीति में विशेष स्थान रहा। 12 अक्टूबर 1935 को चाकुर (लातूर) में जन्मे पाटिल ने आयुर्वेद और कानून की शिक्षा प्राप्त की। उनका राजनीतिक सफर 1967 में लातूर नगर पालिका से शुरू हुआ।
कांग्रेस शासन के दौरान पाटिल ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की सरकारों में रक्षा, वाणिज्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे अहम विभागों में राज्य मंत्री के रूप में काम किया।
1991 से 1996 तक वे लोकसभा अध्यक्ष रहे और इस दौरान सदन के आधुनिकीकरण एवं कार्यवाही के सीधा प्रसारण जैसी महत्वपूर्ण पहलें शुरू कीं। 2004 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी वे केंद्र सरकार में गृह मंत्री बनाए गए, हालांकि 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद पाटिल ने 2010 से 2015 तक पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक के रूप में दायित्व निभाए। उनके निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर है।
