नई दिल्ली: इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रतिष्ठित कोचिंग संस्था FIITJEE की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने FIITJEE के मालिक डीके गोयल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम समेत कुल 10 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है। यह छापेमारी वित्तीय अनियमितताओं और हजारों छात्रों को हुए कथित नुकसान के मामले में की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई FIITJEE के कई कोचिंग सेंटरों के अचानक बंद होने और करीब 12,000 छात्रों के भविष्य पर मंडराए संकट के चलते की गई है। जांच में यह भी सामने आया है कि संस्थान के बंद होने से संस्थान प्रबंधन को करीब 12 करोड़ रुपये का आर्थिक लाभ हुआ है, जबकि छात्रों और अभिभावकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
फरवरी में नोएडा पुलिस ने की थी कार्रवाई
इससे पहले फरवरी में नोएडा पुलिस ने FIITJEE से जुड़े बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। इन खातों में 11.11 करोड़ रुपये सीज किए गए थे। मामला थाना सेक्टर-58 में दर्ज किया गया था, जहां FIITJEE के मालिक दिनेश गोयल समेत 8 लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और विश्वासघात जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।
छात्रों से फीस लेकर सेंटर बंद करने का आरोप
FIITJEE पर आरोप है कि संस्था ने सैकड़ों छात्रों से मोटी फीस वसूलने के बाद अचानक सेंटरों को बंद कर दिया। न तो कक्षाएं चलाई गईं, न ही फीस की वापसी की गई। वहीं, संस्था के कई कर्मचारियों को भी लंबे समय से वेतन नहीं दिया गया, जिससे संस्था की आर्थिक साख और प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
ईडी की कार्रवाई जारी, और खुलासों की संभावना
ED की छापेमारी अभी भी जारी है और अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में आने वाले समय में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि संस्थान द्वारा एकत्र की गई फीस की धनराशि कहां और कैसे ट्रांसफर की गई, और इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का कोई कनेक्शन है या नहीं।
यह मामला न केवल एक शैक्षणिक संस्थान की गिरती साख का प्रतीक बन गया है, बल्कि देश भर के अभिभावकों और छात्रों में भारी रोष भी उत्पन्न कर रहा है। अब देखना होगा कि जांच एजेंसियों की कार्रवाई से FIITJEE प्रबंधन पर क्या असर पड़ता है और छात्रों को न्याय कब और कैसे मिलेगा।