नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में हर साल सर्दियों के साथ गहराते वायु प्रदूषण ने स्कूली बच्चों की पढ़ाई और सेहत दोनों पर गंभीर असर डाला है। जहरीली हवा के कारण कभी स्कूल बंद करने तो कभी ऑनलाइन कक्षाएं चलाने की मजबूरी अब आम हो चुकी थी। इसी चुनौती से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने एक अहम और दूरगामी फैसला लिया है। सरकार ने सरकारी स्कूलों में बड़े पैमाने पर एयर प्यूरीफायर लगाने की घोषणा की है।
इस योजना के तहत पहले चरण में 10 हजार एयर प्यूरीफायर सरकारी स्कूलों में लगाए जाएंगे। इसके बाद अगले चरण में हर सरकारी स्कूल के प्रत्येक क्लासरूम तक यह सुविधा पहुंचाई जाएगी। सरकार का उद्देश्य साफ है कि बाहर प्रदूषण चाहे जिस स्तर पर हो, लेकिन कक्षा के अंदर बच्चों को साफ और सुरक्षित हवा मिल सके और उनकी पढ़ाई बिना बाधा जारी रहे।
वर्तमान हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं। शुक्रवार, 19 दिसंबर 2025 को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘वेरी पूअर’ से गिरकर ‘सीवियर’ श्रेणी में पहुंच गया। कई इलाकों में AQI 387 से 480 तक रिकॉर्ड किया गया है। राजधानी स्मॉग की मोटी चादर में लिपटी हुई है, जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी दिक्कतें हो रही हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ग्रैप (GRAP) का स्टेज-4 लागू कर दिया गया है। इसके तहत निर्माण कार्यों पर पूरी तरह रोक, कुछ वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध और सरकारी व निजी दफ्तरों में 50 फीसदी कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम जैसे कड़े नियम लागू किए गए हैं।
प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ा है। एहतियात के तौर पर नर्सरी से कक्षा 5 तक की पढ़ाई पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है, जबकि कक्षा 6 से 11 तक के छात्रों के लिए हाइब्रिड मोड अपनाया गया है। बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए केवल कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्र स्कूल आ रहे हैं, हालांकि खेलकूद और अन्य आउटडोर गतिविधियों पर पूरी तरह रोक है।
इस बीच शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने एयर प्यूरीफायर योजना का ऐलान करते हुए कहा कि इससे स्कूलों की इनडोर एयर क्वालिटी में सुधार होगा और हानिकारक प्रदूषक कणों को फिल्टर किया जा सकेगा। सरकार की यह पहल बच्चों की सेहत को सुरक्षित रखने के साथ-साथ हर सर्दी में पढ़ाई पर लगने वाले ‘ऑनलाइन क्लास’ के ताले को हमेशा के लिए हटाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
