नई दिल्ली। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लागू करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कुल आठ समितियों का गठन किया है।
इन समितियों का उद्देश्य योजना से जुड़ी सेवाओं को सुचारु, पारदर्शी और प्रभावी ढंग से लागू करना है, ताकि दिल्ली के नागरिकों को इस ऐतिहासिक स्वास्थ्य बीमा योजना का समुचित लाभ मिल सके।
मुख्य राज्य एम्पैनलमेंट समिति सबसे महत्वपूर्ण
गठित आठ समितियों में मुख्य राज्य एम्पैनलमेंट समिति को सबसे अहम माना जा रहा है। इसकी अध्यक्षता एबी-पीएमजेएवाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) करेंगे। यह समिति अस्पतालों के पंजीकरण, अनुशासनात्मक कार्रवाई और जांच प्रक्रिया की निगरानी करेगी।
तीन अन्य प्रमुख समितियों की भूमिका
- जिला एम्पैनलमेंट समिति: अस्पतालों के समय पर पंजीकरण, दस्तावेजों की जांच और फील्ड वेरिफिकेशन सुनिश्चित करेगी।
- जिला कार्यान्वयन समिति: आयुष्मान कार्ड बनवाने, जागरूकता अभियानों और लाभार्थियों की शिकायतों के समाधान में सहयोग करेगी।
- राज्य शिकायत निवारण समिति (SGRC): अस्पतालों व लाभार्थियों से जुड़ी जटिल शिकायतों का अंतिम समाधान करेगी।
अन्य समितियाँ और उनकी जिम्मेदारियाँ
- राज्य एंटी-फ्रॉड सेल: सेवा के दुरुपयोग और संभावित धोखाधड़ी को रोकने हेतु निगरानी और नीतियों का निर्माण करेगी।
- राज्य दावा समीक्षा समिति (CRC): अस्वीकृत दावों की समीक्षा और रैंडम ऑडिट करेगी।
- राज्य चिकित्सा समिति: अस्पष्ट शल्य चिकित्सा पैकेज (USP) की समीक्षा कर निर्णय प्रक्रिया में सहयोग देगी।
- राज्य अपीलीय प्राधिकरण: शिकायतों पर अंतिम निर्णय देने वाली संस्था के रूप में कार्य करेगा।
देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना
गौरतलब है कि आयुष्मान भारत योजना देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजना है, जो 27 चिकित्सा विशेषताओं में 1,961 प्रक्रियाएं कवर करती है। इनमें अस्पताल में भर्ती, सर्जरी, दवाएं, जांच और देखभाल शामिल हैं।
दिल्ली इस योजना को लागू करने वाला देश का 35वां राज्य/केंद्रशासित प्रदेश बन गया है। इसके तहत अब दिल्ली के हजारों जरूरतमंद नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त में उपलब्ध हो सकेंगी।