नई दिल्ली: विश्व चैंपियन डी. गुकेश के पास सत्र का अंत जीत के साथ करने का सुनहरा मौका है। खराब फॉर्म से जूझ रहे गुकेश आगामी विश्व रैपिड और ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप में दमदार वापसी कर खोया हुआ आत्मविश्वास हासिल करने की कोशिश करेंगे। वहीं, अनुभवी ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी सितारों से सजी इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में अपने खिताब की रक्षा के इरादे से उतरेंगी।
सत्र के आखिरी बड़े टूर्नामेंट में शतरंज जगत के कई दिग्गज हिस्सा ले रहे हैं। पांच बार के विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन, अमेरिका के फेबियानो कारूआना और वेसली सो, रूस के इयान नेपोम्नियाश्ची के साथ भारत के आर. प्रज्ञानंदा, अर्जुन एरिगैसी और निहाल सरीन ओपन वर्ग में चुनौती पेश करेंगे।
दो साल पहले डिंग लिरेन को हराकर विश्व खिताब जीतने वाले डी. गुकेश के लिए यह साल उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा। टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट में उन्हें हमवतन आर. प्रज्ञानंदा से हार का सामना करना पड़ा था। अगले साल होने वाली विश्व चैंपियनशिप से पहले यह टूर्नामेंट गुकेश के लिए खुद को फिर से साबित करने और लय हासिल करने का आखिरी बड़ा मंच माना जा रहा है।
22 वर्षीय अर्जुन एरिगैसी भी इस प्रतियोगिता में खास नजरों में रहेंगे। गोवा में हुए फिडे विश्व कप के जरिए कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह बनाने से चूकने के बाद अर्जुन यहां मजबूत वापसी करने के इरादे से उतरेंगे। भारत की बढ़ती शतरंज ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रैपिड और ब्लिट्ज ओपन वर्ग में रिकॉर्ड 29 भारतीय खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, जबकि महिला वर्ग में 13 खिलाड़ी चुनौती पेश करेंगे।
महिला वर्ग में दो बार की रैपिड विश्व चैंपियन और महिला विश्व कप विजेता दिव्या देशमुख भी खिताबी दौड़ में शामिल होंगी। ओपन वर्ग में रैपिड स्पर्धा के 13 दौर खेले जाएंगे, जबकि महिला वर्ग में 11 दौर होंगे। मुकाबलों में 15 मिनट का समय नियंत्रण होगा और हर चाल पर 10 सेकंड की वृद्धि दी जाएगी।
ब्लिट्ज स्पर्धा स्विस प्रारूप में खेली जाएगी, जिसमें ओपन वर्ग में 19 और महिला वर्ग में 15 दौर होंगे। इसके बाद शीर्ष चार खिलाड़ी चार गेम के नॉकआउट मुकाबलों में प्रवेश करेंगे। कुल मिलाकर, यह टूर्नामेंट न सिर्फ खिताब की लड़ाई, बल्कि भारतीय शतरंज के दबदबे और दिग्गजों की प्रतिष्ठा की परीक्षा भी साबित होने वाला है।
