साल 2026 में किसका चमकेगा भाग्य, किसे बरतनी होगी सावधानी…ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी से जानें अपना राशिफल

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नए अंग्रेजी वर्ष 2026 का आगमन विशेष ज्योतिषीय योगों में हो रहा है। हल्द्वानी के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के अनुसार, यह वर्ष भारत और विश्व दोनों के लिए चुनौतियों और संभावनाओं का संगम रहेगा। ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति जहां वैश्विक स्तर पर अस्थिरता के संकेत दे रही है, वहीं भारत की आर्थिक और राजनीतिक शक्ति में उल्लेखनीय वृद्धि के योग भी बन रहे हैं।

डॉ. नवीन चंद्र जोशी बताते हैं कि 1 जनवरी 2026 को नववर्ष का आरंभ कन्या लग्न, रोहिणी नक्षत्र और उच्च के चंद्रमा में हो रहा है। कन्या लग्न के चतुर्थ भाव में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र की युति बनी है। हालांकि मंगल और शुक्र अस्त अवस्था में हैं, इसलिए इनके फल सामान्य रहेंगे। वहीं सप्तम भाव में शनि, षष्ठम भाव में राहु और व्यय भाव में केतु की स्थिति के कारण यह वर्ष मिश्रित फलकारक रहने वाला है।

डॉ. जोशी के अनुसार, वर्ष 2026 में दैविक आपदाओं, समुद्री क्षेत्रों में संकट, भूकंप और दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहेगी। पश्चिमी देशों में राजनीतिक तनाव और युद्ध जैसे हालात उभर सकते हैं, वहीं भारत की सीमाओं पर भी दबाव की स्थिति बन सकती है। इसके बावजूद, भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। उद्योग, व्यापार और कृषि क्षेत्र में अप्रत्याशित लाभ मिलने के संकेत हैं। वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीक के क्षेत्र में देश को बड़ी उपलब्धियां मिल सकती हैं। राजनीति में दिसंबर से पहले बड़े बदलाव की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

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डॉ. नवीन चंद्र जोशी का कहना है कि कुल मिलाकर नया अंग्रेजी वर्ष 2026 भारत के लिए मिला-जुला लेकिन शक्ति और प्रभाव बढ़ाने वाला साबित होगा।