नगला को नगर पालिका बनाने के प्रयास पर उत्तराखंड क्रांति दल ने उठाए सवाल

खबर शेयर करें

हल्द्वानी। उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) के केंद्रीय महामंत्री सुशील उनियाल ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि उत्तराखंड सरकार नगला क्षेत्र को नगरपालिका बनाने के प्रयासों के पीछे अवैध कब्जाधारियों को बचाने की साजिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि तीन महीने पहले राज्य सरकार ने नगला का जियोलॉजिकल सर्वे कराने के लिए कुमाऊं आयुक्त को अध्यक्ष बनाया था, लेकिन अब तक उस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया। इस रिपोर्ट के आधार पर ही नगला के बारे में निर्णय लिया जाना था, जिसके चलते सड़क चौड़ीकरण का कार्य भी रुका हुआ है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड: नैनीताल में मासूम से दुष्कर्म पर फूटा जनआक्रोश, तीसरे दिन भी जारी रहा प्रदर्शन

उनियाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिथौरागढ़ में अपने आगमन के दौरान किच्छा से लालकुआं तक सड़क चौड़ीकरण की बात की थी, लेकिन राज्य सरकार इस मामले में गंभीर नहीं दिख रही है। यह सड़क लखनऊ से कुमाऊं के द्वार हल्द्वानी को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण नेशनल हाइवे है, जिसे राज्य सरकार ने किच्छा से नगला बाईपास तक स्टेट सड़क घोषित कर दिया, जिससे अवैध कब्जे को बचाने की कोशिश की जा रही है और यातायात में बाधा उत्पन्न हो रही है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड: एनआईओएस डीएलएड अभ्यर्थियों को सुप्रीम राहत, शिक्षक भर्ती में मिलेगी जगह

उनियाल ने यह भी आरोप लगाया कि नगला को नगरपालिका बनाने के लिए केवल सात वार्ड बनाए गए हैं, जिनमें से एक वार्ड पंतनगर परिसर में और एक वार्ड नैनीताल जिले के बिंदुखत्ता क्षेत्र की सीमा में शामिल किया गया है। इससे नगला की वास्तविक सीमा और प्रशासनिक संरचना की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, जबकि पंतनगर परिसर को पहले ही नगला नगर पालिका से अलग किया जा चुका है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में प्रशासनिक फेरबदल की आहट, पंचायत चुनाव से पहले जिलों में बदल सकते हैं डीएम

उन्होंने सरकार से मांग की कि कुमाऊं जियोलॉजिकल रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए, ताकि नगला के भविष्य को लेकर स्पष्टता और पारदर्शिता बनी रहे।

Ad Ad