उत्तराखंड: चार दशक बाद नंदा देवी शिखर पर फिर चढ़ाई की तैयारी, साहसिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

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देहरादून। उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को नया आयाम देने की दिशा में सरकार ने बड़ी पहल की है। करीब 44 साल बाद नंदा देवी शिखर को पर्वतारोहण के लिए खोलने की तैयारी की जा रही है। पर्यटन विभाग, वन विभाग और भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन (IMF) इस संबंध में संयुक्त प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं।

पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में इस प्रस्ताव पर विस्तार से मंथन किया गया। बैठक में भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन की ओर से 1980 से बंद पड़े नंदा देवी शिखर को पर्वतारोहण के लिए खोलने का सुझाव रखा गया। साथ ही सीमावर्ती पर्वत चोटियों पर पर्वतारोहण अभियानों को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के दिशा-निर्देशों के तहत मंजूरी देने पर भी विचार हुआ।

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बैठक में मुख्य वन संरक्षक पी.के. पात्रो, फाउंडेशन के निदेशक कर्नल मदन गुरूंग, सचिव कीर्ति पायस, टीटीएफ संस्थापक राकेश पंत व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

हिम तेंदुए को देखने मिलेगा मौका

पर्यटन विभाग ने गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान को अक्तूबर से मार्च तक पर्यटकों के लिए खोलने का प्रस्ताव भी रखा है। इस अवधि में हिम तेंदुए (स्नो लेपर्ड) दिखने की संभावना अधिक रहती है। लद्दाख स्थित हेमिस नेशनल पार्क को मॉडल मानते हुए यहां स्नो लेपर्ड टूरिज्म को बढ़ावा देने की योजना है।

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ट्रैकिंग के लिए आसान होगा पंजीकरण

वन विभाग की ओर से बताया गया कि राज्य के विभिन्न ट्रैकिंग रूट्स पर पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एकीकृत एकल खिड़की पोर्टल पर काम जारी है। साथ ही ट्रैकिंग रूटों की वहन क्षमता और एक समय में अधिकतम ट्रैकर्स की संख्या को लेकर भी मूल्यांकन किया जाएगा।

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एडवेंचर टूरिज्म मीट का आयोजन प्रस्तावित

भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन के अध्यक्ष कर्नल विजय सिंह ने सुझाव दिया कि हर वर्ष राष्ट्रीय स्तर का एडवेंचर टूरिज्म मीट आयोजित किया जाए, जिसमें देशभर के टूर ऑपरेटर, साहसिक पर्यटन क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधि और स्टेकहोल्डर एक मंच पर जुटें। सरकार की इस पहल से न सिर्फ पर्वतारोहियों को नया गंतव्य मिलेगा, बल्कि प्रदेश के पर्यटन व स्थानीय रोजगार को भी मजबूती मिलेगी।

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