देहरादून। राजस्थान के मेंहदीपुर बालाजी में दर्शन के लिए गए देहरादून के एक परिवार के चार सदस्यों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतकों में पति-पत्नी और उनके पुत्र व पुत्री शामिल हैं। चारों के शव मेंहदीपुर स्थित रामकृष्ण धर्मशाला के कमरे नंबर 119 में मिले। राजस्थान पुलिस इसे प्रथम दृष्टया सामूहिक आत्महत्या मान रही है, लेकिन जहरखुरानी गिरोह की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा रहा है।
सफाईकर्मी ने देखा शवों को
घटना 12 जनवरी की है। धर्मशाला के सफाईकर्मी ने जब कमरा खोला तो दो शव बिस्तर पर और दो जमीन पर पड़े हुए मिले। कुछ मृतकों के मुंह से झाग निकल रहे थे, जिससे जहरीले पदार्थ के सेवन की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मृतकों की पहचान और पृष्ठभूमि
मृतकों की पहचान देहरादून के रायपुर क्षेत्र के बांगखाला चकतुनवाला निवासी सुरेंद्र कुमार उपाध्याय (52), उनकी पत्नी कमलेश (48), पुत्र नितिन उपाध्याय और पुत्री नीलम उपाध्याय के रूप में हुई है। परिवार चार दिन पहले देहरादून से निकला था। नितिन उपाध्याय ऑर्डिनेंस फैक्टरी में नियमित कर्मचारी थे, जबकि सुरेंद्र कुमार एक अधिकारी की गाड़ी चलाते थे। नीलम उपाध्याय, जो शादीशुदा थीं, ससुराल छोड़कर अपने मायके में रहती थीं।
पुलिस जांच में जुटी
कमरा नितिन उपाध्याय के नाम पर बुक था। राजस्थान पुलिस ने देहरादून पुलिस को घटना की जानकारी दी है। एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने घटना की पुष्टि की है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के असल कारणों का खुलासा हो सकेगा।
संदेह के घेरे में जहरखुरानी गिरोह
हालांकि पुलिस इसे सामूहिक आत्महत्या मान रही है, लेकिन परिवार के सामूहिक रूप से जहर लेने या जहरखुरानी गिरोह की भूमिका की भी जांच की जा रही है। पुलिस धर्मशाला के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और परिवार के पिछले कुछ दिनों के गतिविधियों का भी पता लगा रही है।
यह घटना बेहद दुखद और रहस्यमय है, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई है। पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है ताकि इस त्रासदी के पीछे की सच्चाई सामने लाई जा सके।