SCO शिखर सम्मेलन में एशियाई ताकतों की ताकतवर तस्वीर, मोदी-जिनपिंग में सकारात्मक वार्ता

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नई दिल्ली। चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में बुधवार को एशियाई देशों की ताकत का अद्भुत नजारा देखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक ही मंच पर नजर आए। आधिकारिक स्वागत समारोह में खिंची यह तस्वीर अब दुनियाभर में तेजी से वायरल हो रही है और इसे वैश्विक राजनीति में एशिया के उभरते प्रभाव का प्रतीक माना जा रहा है।

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सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अहम मुलाकात भी हुई। विदेश सचिव विक्रम मिसरी के अनुसार, दोनों नेताओं ने स्पष्ट किया कि भारत और चीन को प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि साझेदार की भूमिका निभानी चाहिए। सीमा पर शांति और स्थिरता को संबंधों की प्रगति का आधार बताते हुए दोनों नेताओं ने यह सहमति जताई कि मतभेदों को विवाद का रूप नहीं लेने दिया जाएगा।

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राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सहयोग बढ़ाने के चार सुझाव रखे, जिन पर प्रधानमंत्री मोदी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। बैठक में व्यापार संतुलन, आपसी विकास, आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई और जन-से-जन संपर्क को प्रोत्साहन जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। साथ ही दोनों देशों ने मिलकर बहुध्रुवीय एशिया के निर्माण की दिशा में काम करने का संकल्प जताया।

विदेश सचिव ने बताया कि बैठक में वैश्विक हालात और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने को लेकर भी सहमति बनी। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को वर्ष 2026 में भारत में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुलाकात न केवल भारत-चीन संबंधों में नई संभावनाओं की ओर संकेत करती है बल्कि विश्व राजनीति में एशिया की सशक्त होती भूमिका को भी रेखांकित करती है।