नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वित्तीय अनियमितता के आरोपों में वाणिज्यिक कर विभाग की असिस्टेंट कमिश्नर मीनाक्षी त्यागी को सेवा से बर्खास्त करने और उनसे 93 लाख रुपये की वसूली के अपर सचिव (वित्त) के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार महरा की खंडपीठ में हुई।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि वह अधिकारी को बर्खास्त करने के मामले में तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब पेश करे। इसके साथ ही अदालत ने जांच अधिकारी अजय कुमार को भी नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 30 मार्च 2026 की तिथि तय की है।
मामले के अनुसार, विकासनगर (देहरादून) में तैनात असिस्टेंट कमिश्नर मीनाक्षी त्यागी को 3 अक्टूबर 2025 को चार फर्मों का पंजीकरण निरस्त न करने और उनके रिफंड क्लेम को स्वीकृति देने के आरोपों में सेवा से हटा दिया गया था। साथ ही उनसे 93 लाख रुपये की वसूली के आदेश भी पारित किए गए थे।
याचिका में कहा गया है कि जिस संबंधित टैक्स अधिकारी ने असिस्टेंट कमिश्नर के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद फर्मों का निरीक्षण नहीं किया, उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि केवल याचिकाकर्ता को ही दंडित किया गया। इसे चयनात्मक कार्रवाई बताया गया है।
याचिकाकर्ता की ओर से यह भी तर्क दिया गया कि जांच के दौरान प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया। राज्य सरकार ने स्वयं जांच अधिकारी को मुख्य गवाहों से जिरह (क्रॉस एग्जामिनेशन) का अवसर देने के निर्देश दिए थे, लेकिन जांच अधिकारी अजय कुमार ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। बिना गवाहों के परीक्षण और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों की अनदेखी करते हुए उनकी सेवा समाप्त कर दी गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया बर्खास्तगी और वसूली आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से विस्तृत जवाब तलब किया है।
