औचक निरीक्षण में अस्थि रोग विभाग की खुली पोल, चिकित्सा अधीक्षक ने जताई सख्त नाराजगी
हल्द्वानी (नैनीताल)। कुमाऊं के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डॉ. सुशीला तिवारी (एसटीएच) में डॉक्टरों की लापरवाही अब खुलकर सामने आने लगी है। ओपीडी का समय खत्म होने से पहले ही डॉक्टर कुर्सी छोड़ अस्पताल से निकल जाते हैं, और पीछे छूट जाते हैं बदहाल मरीज, जो इलाज की आस में घंटों कतार में खड़े रहते हैं।
ताजा मामला अस्थि रोग विभाग का है, जहां सोमवार को मरीजों की ओर से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जी.एस. तितियाल ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में सामने आया कि डॉक्टर निर्धारित समय से पहले ही ओपीडी छोड़कर जा चुके थे, जबकि कई मरीजों को अब भी इलाज मिलना बाकी था।
इस लापरवाही से नाराज डॉ. तितियाल ने राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के प्राचार्य को पत्र लिखकर विभागीय जिम्मेदारी तय करने और सख्त निर्देश जारी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना हरकतें अस्पताल की साख को ठेस पहुंचाती हैं और मरीजों के हितों की अनदेखी करती हैं।

प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने भी मामले को गंभीर मानते हुए सभी विभागाध्यक्षों को कड़ा निर्देश जारी किया है कि ओपीडी में डॉक्टरों की उपस्थिति हर हाल में सुबह 9 बजे से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि बार-बार सामने आ रही शिकायतें बताती हैं कि कई डॉक्टर समय की परवाह किए बिना मनमानी कर रहे हैं, जिससे दूरदराज से आने वाले मरीजों को खासा नुकसान उठाना पड़ता है।
प्राचार्य ने यह भी चेताया कि एनएमसी के नियमानुसार समय पर ड्यूटी पर मौजूद रहना चिकित्सकीय जिम्मेदारी है, और अब किसी भी स्तर की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
लापरवाह डॉक्टरों पर कब लगेगी नकेल?
अब सवाल यह है कि एसटीएच प्रशासन महज़ चेतावनियों तक सिमट कर रह जाएगा या फिर लापरवाह डॉक्टरों पर सख़्ती से कार्रवाई कर मरीजों को राहत देगा?
