कोटद्वार। नीलकंठ मार्ग पर खैरखाल में संरक्षित प्रजाति के पेड़ों के अवैध कटान का मामला सामने आया है। वन विभाग ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बेटे पीयूष अग्रवाल के खिलाफ केस दर्ज किया है। विभाग के अनुसार, यहां 26 पेड़ काटे गए, जिनमें से दो संरक्षित प्रजाति के खैर के पेड़ हैं।
वन विभाग के डीएफओ आकाश गंगवार ने बताया कि कटान के दौरान बिना अनुमति के जेसीबी मशीन का भी उपयोग किया गया। जांच में संरक्षित प्रजाति के पेड़ों की अवैध कटाई की पुष्टि होने के बाद लालढांग रेंज द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया।
अनुमति का दावा
पीयूष अग्रवाल ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने कटान के लिए तहसीलदार और पटवारी से अनुमति ली थी। उन्होंने बताया, “हमने वन विभाग से अनुमति के लिए प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन प्रक्रिया बदलने की बात कही गई। तहसीलदार और पटवारी से अनुमति ली गई, जिसकी रिपोर्ट हमारे पास है। यदि कोई चूक हुई है, तो नियमानुसार जुर्माना भरने के लिए तैयार हैं।”
स्थानीय प्रशासन पर सवाल
ग्रामीणों का आरोप है कि रसूखदार व्यक्ति की भूमि होने के कारण प्रशासन ने कभी सख्त कार्रवाई नहीं की। हालांकि, राजस्व उपनिरीक्षक ने तीन बार कार्य रुकवाने की कोशिश की थी।
वन विभाग का सख्त रुख
डीएफओ आकाश गंगवार ने कहा, “संरक्षित प्रजाति के दो पेड़ों का अवैध कटान हुआ है। मामले में भूस्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, और कार्रवाई जारी है।”
पर्यावरणीय खतरा
संरक्षित प्रजाति के पेड़ों का कटान पर्यावरणीय संतुलन के लिए गंभीर खतरा है। मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।