देहरादून। उत्तराखंड के उपनल कर्मचारियों को लंबे समय से प्रतीक्षित राहत मिल गई है। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के हस्तक्षेप के बाद शासन ने स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा है कि हड़ताल अवधि के दौरान कर्मचारियों का मानदेय नहीं काटा जाएगा। शासन ने हड़ताल अवधि को अर्जित अवकाश में समायोजित करने का निर्णय लिया है।
उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम के माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत उपनल कर्मचारी नियमितीकरण और समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर 10 से 25 नवंबर 2025 तक हड़ताल पर रहे थे। हड़ताल के दौरान शासन ने उनकी अनुपस्थिति दर्ज करते हुए नो वर्क–नो पे के तहत मानदेय काटने का आदेश दिया था, जिससे कर्मचारियों में भारी नाराजगी थी।
हड़ताल की समाप्ति के दौरान कर्मचारियों और विभागीय अधिकारियों के बीच यह सहमति बनी थी कि हड़ताल में शामिल कर्मचारियों पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी और उनका मानदेय भी नहीं काटा जाएगा। लेकिन शासनादेश जारी न होने से उपनल कर्मियों में असंतोष बना हुआ था।
मामले को लेकर उपनल कर्मचारी महासंघ ने सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी से उनके आवास पर मुलाकात की। महासंघ के प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल ने अवगत कराया कि कई विभागों में कर्मचारियों का मानदेय काटा जा रहा है और नो वर्क–नो पे के आधार पर उन्हें हटाने तक की कार्रवाई हो रही है।
इस पर मंत्री ने तत्काल अपर सचिव सैनिक कल्याण श्याम सिंह को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद जारी आदेश में स्पष्ट किया गया कि हड़ताल पर रहे सभी उपनल कर्मचारियों की हड़ताल अवधि को अर्जित अवकाश में परिवर्तित करते हुए उनका पूरा मानदेय देय होगा। इस निर्णय से हजारों उपनल कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है।
