नई दिल्ली। नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए राहत भरी खबर है। एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) ने एक अहम सर्कुलर जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि वीकेंड या सरकारी छुट्टियों के कारण नौकरी के बीच आया अंतर अब सर्विस ब्रेक नहीं माना जाएगा। इस फैसले से खासतौर पर डेथ क्लेम, बीमा और पेंशन से जुड़े विवादों पर विराम लगेगा।
छुट्टियों से नहीं टूटेगी सेवा अवधि
EPFO के अनुसार, यदि कोई कर्मचारी एक संस्थान छोड़ने के बाद दूसरी जगह जॉइन करता है और इस दौरान केवल शनिवार, रविवार या कोई घोषित अवकाश पड़ता है, तो इसे सेवा में अंतर नहीं माना जाएगा। पहले ऐसे मामलों में तकनीकी कारणों से सर्विस ब्रेक मान लिया जाता था, जिससे कर्मचारियों के परिजनों को EDLI और पेंशन लाभ से वंचित होना पड़ता था।
क्यों लिया गया यह निर्णय
EPFO ने बताया कि कई मामलों में कर्मचारी की मृत्यु के बाद उनके आश्रितों का एम्प्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI) क्लेम सिर्फ कुछ दिनों के अंतर के कारण खारिज कर दिया गया या कम राशि मिली। इन तकनीकी खामियों और अनावश्यक विवादों को खत्म करने के लिए यह नया सर्कुलर जारी किया गया है।
लगातार सर्विस की नई परिभाषा
नए निर्देशों के अनुसार, यदि एक नौकरी खत्म होने और दूसरी नौकरी शुरू होने के बीच केवल वीकली ऑफ, नेशनल हॉलीडे, गजटेड, स्टेट या रिस्ट्रिक्टेड हॉलीडे आते हैं, तो इसे कंटिन्यूअल सर्विस माना जाएगा। इतना ही नहीं, EPFO ने यह भी स्पष्ट किया है कि नौकरी बदलते समय अधिकतम 60 दिनों तक का अंतर होने पर भी सर्विस को लगातार माना जाएगा।
EDLI क्लेम में परिवारों को बड़ी राहत
EPFO ने EDLI योजना के तहत मिलने वाली न्यूनतम बीमा राशि 50,000 रुपये सुनिश्चित कर दी है। अब यह राशि नॉमिनी या कानूनी वारिस को तब भी मिलेगी, जब कर्मचारी ने लगातार 12 महीने की सेवा पूरी न की हो या पीएफ खाते में औसत बैलेंस 50,000 रुपये से कम हो।
इन मामलों में भी मिलेगा लाभ
नया नियम उन मामलों पर भी लागू होगा, जहां कर्मचारी की मृत्यु उसके अंतिम पीएफ योगदान के छह महीने के भीतर हो जाती है, बशर्ते कर्मचारी नियोक्ता के रिकॉर्ड में दर्ज हो। इससे अब कर्मचारियों के परिवारों को बीमा क्लेम के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया और विवादों से राहत मिलेगी। EPFO का यह फैसला कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण और दूरगामी कदम माना जा रहा है।
