काठमांडू : नेपाल की सियासत में शुक्रवार को बड़ा उलटफेर हुआ। तख्तापलट के बाद संसद भंग कर दी गई है और देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकीं सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है।
यह फैसला उस समय आया है, जब काठमांडू की सड़कों पर सोशल मीडिया प्रतिबंध और राजनीतिक अस्थिरता के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन जारी हैं। हालात फिलहाल तनावपूर्ण हैं और सुरक्षाबल चौकन्ने हैं।
कौन हैं सुशीला कार्की
सुशीला कार्की 11 जुलाई 2016 से 6 जून 2017 तक नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रहीं। अपनी निष्पक्ष छवि और प्रशासनिक अनुभव के लिए जानी जाने वाली कार्की को मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल में स्थिरता लाने और जनता का विश्वास बहाल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विरोध प्रदर्शनों और जनता के असंतोष के बीच यह कदम नेपाल की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पटरी पर लाने की कोशिश है। हालांकि सड़कों पर जारी आंदोलन को देखते हुए आने वाले दिन सरकार के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहेंगे।