हल्द्वानी। जिला खनन न्यास निधि अंतर्गत प्राप्त प्रस्तावों की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि निधि से होने वाला व्यय सर्वप्रथम खनन प्रभावित क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए किया जाए।
उन्होंने कहा कि श्रमिकों के बच्चों को बेहतर व आधुनिक शिक्षा मिले, उनके मनोरंजन और खेलकूद की सुविधाएं विकसित हों तथा महिलाओं और बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य के लिए ठोस कार्य किए जाएं।
डीएम ने निर्देश दिए कि खनन न्यास निधि की धनराशि का उपयोग केवल प्रभावित क्षेत्रों में ही किया जाए। इन क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति, प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ स्वरोजगार बढ़ाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण, कृषि, उद्यानिकी और पशुपालन से जुड़ी योजनाएं प्रस्तावित की जाएं, ताकि स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें।
उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्रों में संचालित क्रेशरों से उत्पन्न धूल और प्रदूषण से ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है। ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व संबंधित विभाग मिलकर प्रभावी कदम उठाएं, जिससे धूल और प्रदूषण की समस्या पर अंकुश लगाया जा सके।
जिलाधिकारी ने विभागों से आए प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए कहा कि खनन प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, सिंचाई, महिला एवं बाल कल्याण, तथा वृद्धजन कल्याण से जुड़े प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्तावों को अंतिम रूप देने से पूर्व स्थानीय जनप्रतिनिधियों से राय अवश्य ली जाए और किसी भी प्रकार की डुप्लीकेसी न हो।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अनामिका, अपर जिलाधिकारी विवेक रॉय, शैलेन्द्र नेगी, जिला खान अधिकारी ताजवर सिंह नेगी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
