नई दिल्ली/कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। प्रदर्शन के बाद इलाके में तनाव चरम पर है और हालात को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। अब तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और कई इलाकों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए गए हैं।
इस बीच, नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि हिंसा के डर से मुर्शिदाबाद के धुलियान क्षेत्र से 400 से अधिक हिंदू परिवारों को जान बचाकर भागना पड़ा। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने नदी पार कर मालदा जिले के बैष्णबनगर के लालपुर हाई स्कूल में शरण ली है। अधिकारी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्ववर्ती ट्विटर) पर तस्वीरें और वीडियो साझा कर राज्य सरकार पर कट्टरपंथियों को शह देने का आरोप लगाया।
“धार्मिक कट्टरपंथियों के भय से हिंदू परिवारों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा है। यह राज्य सरकार की कानून-व्यवस्था पर सीधी विफलता है,” अधिकारी ने अपने पोस्ट में लिखा।
उन्होंने राज्य में तैनात केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, पुलिस और जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर विस्थापित परिवारों की सुरक्षित वापसी की मांग की है। साथ ही टीएमसी सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा, “बंगाल जल रहा है, सामाजिक ताना-बाना टूट चुका है।”
इससे पहले शनिवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की विशेष खंडपीठ ने मुर्शिदाबाद में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की तैनाती का आदेश दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम सांप्रदायिक तनाव को रोकने के लिए अपर्याप्त थे। कोर्ट ने कहा कि यदि समय रहते केंद्रीय बलों की तैनाती की गई होती, तो स्थिति इस हद तक नहीं बिगड़ती।
खंडपीठ ने कहा, “जब नागरिकों की सुरक्षा खतरे में हो, तो संविधानिक न्यायालय मूकदर्शक नहीं बना रह सकता।” यह आदेश सुवेंदु अधिकारी की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया गया। प्रशासन ने बताया कि फिलहाल संवेदनशील इलाकों में लगातार पुलिस गश्त जारी है। मुख्य मार्गों पर आने-जाने वाले वाहनों की सघन जांच की जा रही है। मामले की जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं।