उत्तराखंड: गीता श्लोक अध्ययन पर नहीं हो रहा अमल, कई स्कूलों ने निर्देश मिलने से किया इनकार

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कुछ शिक्षकों की चुनाव ड्यूटी, कई स्कूलों को नहीं मिला आदेश, निदेशक बोले – सभी को भेजे गए निर्देश

देहरादून। प्रदेश के सरकारी और अशासकीय स्कूलों में प्रार्थना सभा के दौरान गीता का श्लोक सुनाने और उसका अध्ययन कराने के शिक्षा विभाग के निर्देश को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। निर्देश जारी हुए तीन दिन बीत जाने के बाद भी कई स्कूलों में इसका अनुपालन नहीं हो रहा है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने 14 जुलाई को सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों (सीईओ) को पत्र जारी कर निर्देश दिया था कि स्कूलों में प्रार्थना सभा के दौरान गीता के श्लोकों का पाठ कराया जाए और उनका अर्थ भी बताया जाए। साथ ही, प्रत्येक सप्ताह एक श्लोक को सूचना पट पर लिखकर छात्रों को उसका अभ्यास कराने के निर्देश भी दिए गए थे।

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हालांकि, कुछ स्कूलों का कहना है कि उन्हें इस तरह के किसी निर्देश की जानकारी नहीं मिली। जीआईसी लांघा के प्रधानाचार्य पीसी सेमवाल ने कहा कि उन्हें हाल ही में इस संबंध में निर्देश मिला है, लेकिन संस्कृत की शिक्षिका फिलहाल चुनाव ड्यूटी पर तैनात हैं। वहीं जीआईसी बड़ोवाला जौलीग्रांट के एक शिक्षक ने बताया कि श्लोक तो सुनाए जाते हैं, मगर बच्चों को अर्थ नहीं बताया जा रहा।

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जीआईसी बुल्लावाला के प्रधानाचार्य ईम्दादुल्लाह अंसारी ने भी कहा कि उनके स्कूल को अभी तक इस विषय में कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। इसके उलट जीजीआईसी राजपुर रोड की प्रधानाचार्य प्रेमलता बौडाई ने बताया कि उनके स्कूल में संस्कृत शिक्षिका श्लोक सुनाकर उसका अर्थ भी छात्राओं को समझा रही हैं।

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इन दावों के जवाब में माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने स्पष्ट किया कि सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेज दिए गए हैं। स्कूलों का यह कहना गलत है कि उन्हें आदेश नहीं मिला। उन्होंने निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने को भी कहा है।