हल्द्वानी। हल्द्वानी ट्रांसपोर्ट नगर उत्तराखंड में टैक्स चोरी के सबसे बड़े सिंडिकेट के रूप में उभरकर सामने आया है। ट्रांसपोर्ट्स की एक शातिर टीम बिना बिल और टैक्स के माल को गोदामों तक पहुंचाने में माहिर हो गई है। इस खेल में शामिल लोग माल को किस प्रकार बिना कानूनी दस्तावेजों के पहाड़ों तक पहुंचाते हैं, इसकी प्रक्रिया बेहद चतुराई से चल रही है।
सूत्रों के अनुसार, सोशल मीडिया पर टैक्स चोरी का मामला उजागर होने के बाद ट्रांसपोर्टर सतर्क हो गए हैं और अब वे दिन के बजाय रात के समय माल मंगवाने की रणनीति अपना रहे हैं। बताया जाता है कि दिन ढलते ही दिल्ली और बरेली से टैक्स चोरी का माल लेकर ट्रक हल्द्वानी ट्रांसपोर्ट नगर पहुंचते हैं। इसके बाद ट्रांसपोर्टर उस माल को पहाड़ तक पहुंचाने के लिए दूसरी ट्रांसपोर्ट (पहाड़ को माल भेजने वाले) के माध्यम से पहाड़ों में भेज देते हैं।
इस खेल में केवल तराई क्षेत्र के ट्रांसपोर्टर ही शामिल नहीं हैं, बल्कि कुछ पहाड़ लाइन के ट्रांसपोर्टर भी इस टैक्स चोरी के खेल में भागीदार बने हुए हैं। टैक्स चोरी का यह कारोबार ट्रांसपोर्टरों को लाखों रुपये का मुनाफा दे रहा है, जबकि उत्तराखंड सरकार को इस गतिविधि से भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है।
इस तरह की चोरी से राज्य की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हो रहा है। इस मामले में जिला प्रशासन और राज्य कर विभाग के अधिकारियों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे इन अवैध गतिविधियों का सिलसिला जारी है।