नई दिल्ली। दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच संबंध अब पहले जैसे नहीं रह गए हैं। हाल के दिनों में भले ही मस्क ने माफी मांगने की कोशिश की हो, लेकिन ट्रंप अब पीछे हटने के मूड में नहीं हैं। इसके संकेत हाल ही में तब मिले जब ट्रंप प्रशासन ने मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के सभी सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स की विस्तृत समीक्षा का आदेश दे दिया।
सूत्रों के मुताबिक व्हाइट हाउस ने रक्षा विभाग (DoD) और नासा को निर्देश दिए हैं कि वे स्पेसएक्स को दिए गए करीब 2.2 हजार करोड़ रुपये ($2.2 बिलियन) के कॉन्ट्रैक्ट्स की पूरी जानकारी इकट्ठा करें। यह कदम ट्रंप प्रशासन की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है, जिसके तहत मस्क और उनकी कंपनियों के खिलाफ संभावित जवाबी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, पेंटागन पहले ही ‘गोल्डन डोम’ मिसाइल डिफेंस प्रोजेक्ट में स्पेसएक्स की भूमिका सीमित करने की योजना पर काम कर रहा है। ट्रंप ने भी हाल ही में 6 जून को दिए बयान में कहा था, “हर चीज पर नजर डाली जाएगी।” अब यह साफ होता जा रहा है कि व्हाइट हाउस ने स्पेसएक्स के सभी सरकारी करारों की समीक्षा की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि स्पेसएक्स बीते कई वर्षों से अमेरिका को सैटेलाइट लॉन्च, कार्गो सर्विस, और राष्ट्रीय सुरक्षा मिशनों में तकनीकी सहायता दे रही है। ऐसे में विशेषज्ञों और निगरानी समूहों में चिंता है कि इस समीक्षा के पीछे राजनीतिक द्वेष न हो।
प्रोजेक्ट ऑन गवर्नमेंट ओवरसाइट (POGO) के जनरल काउंसलर स्कॉट ऐमी ने कहा, “ऐसे फैसले किसी व्यक्ति विशेष के अहंकार के आधार पर नहीं, बल्कि जनता के हित और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिए जाने चाहिए।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि मस्क की स्पेसएक्स के साथ वही हो रहा है, जो उनकी टीम DOGE (Department of Government Oversight and Evaluation) द्वारा हजारों अन्य कॉन्ट्रैक्ट्स की समीक्षा के दौरान हुआ था।
हालांकि इस मामले में स्पेसएक्स और डिफेंस डिपार्टमेंट की तरफ से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है। नासा ने जरूर बयान जारी करते हुए कहा, “हम अपने साझेदारों के साथ काम करना जारी रखेंगे ताकि अंतरिक्ष में राष्ट्रपति के उद्देश्यों को पूरा किया जा सके।”
सूत्रों का कहना है कि यह समीक्षा सिर्फ “औपचारिक प्रक्रिया” नहीं, बल्कि राजनीतिक पलटवार की तैयारी है। अगर ट्रंप मस्क पर सीधा हमला करने का फैसला लेते हैं, तो यह डेटा उनके काम आ सकता है।
इस घटनाक्रम ने अमेरिका की स्पेस इंडस्ट्री और वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि ट्रंप प्रशासन इस मामले को आगे कैसे बढ़ाता है और क्या वाकई मस्क की कंपनी को किसी बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है।