देहरादून: साइबर हमले के बाद सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। संभावित खतरे को देखते हुए आईटीडीए ने नौ विभागों की वेबसाइटें अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं, जबकि 13 अन्य वेबसाइटें पहले से ही निष्क्रिय हैं। अब इन 22 वेबसाइटों की कोडिंग और सुरक्षा मानकों को मजबूत करने के लिए आईटी विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है।
पिछले साल अक्तूबर में हुए साइबर हमले के बाद एहतियातन सभी सरकारी वेबसाइटों को बंद कर दिया गया था। सुरक्षा ऑडिट और आवश्यक सुरक्षा उपायों को पूरा करने के बाद ही वेबसाइटों को दोबारा शुरू किया जा रहा है। अब तक 16 वेबसाइटों को स्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, क्योंकि उनकी आवश्यकता नहीं थी। वहीं, नौ वेबसाइटें ऐसी मिली हैं, जिनसे वायरस का खतरा बना हुआ था, जिस कारण आईटीडीए ने उन्हें भी फिलहाल बंद कर दिया है।
विशेषज्ञों की टीम करेगी कोडिंग और सुरक्षा जांच
आईटीडीए ने वेबसाइटों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए आईटीआई लिमिटेड, टीसीआईएल समेत कई सरकारी एजेंसियों के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया है। ये विशेषज्ञ बंद पड़ी वेबसाइटों की कोडिंग को सुधारने और उन्हें साइबर हमलों से सुरक्षित बनाने का काम करेंगे। सुरक्षा जांच और जरूरी अपग्रेड के बाद ही इनका संचालन दोबारा शुरू किया जाएगा।
डिजास्टर रिकवरी सेंटर बनेगा, डाटा की सुरक्षा होगी मजबूत
प्रदेश के महत्वपूर्ण डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार एक दूसरे भौगोलिक राज्य में डिजास्टर रिकवरी (डीआर) सेंटर स्थापित करने की योजना बना रही है। आईटी सचिव नितेश झा के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा सूचीबद्ध 21 एजेंसियों में से उपयुक्त एजेंसी का चयन किया जाएगा। डीआर सेंटर बनने के बाद राज्य के डाटा की एक कॉपी वहां सुरक्षित रहेगी, जिससे किसी आपदा या साइबर हमले की स्थिति में वेबसाइटों और सेवाओं का संचालन तुरंत बहाल किया जा सकेगा।
आईटीडीए के पास बनेगा नया अत्याधुनिक डाटा सेंटर
जिस डाटा सेंटर पर साइबर हमला हुआ था, उसे अब केवल सॉफ्टवेयर ट्रायल और अन्य विकास कार्यों के लिए उपयोग किया जाएगा। आईटी पार्क स्थित आईटीडीए कार्यालय के पास एक नया अत्याधुनिक और अधिक सुरक्षित डाटा सेंटर बनाया जा रहा है, जो भविष्य में राज्य की डिजिटल सुरक्षा को और मजबूत करेगा।