उत्तराखंड: जिला अस्पताल की स्टाफ नर्स ने नवजात को दूसरे दंपति को सौंपा, सीडब्ल्यूसी ने कराया भर्ती

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रुद्रपुर। जिला अस्पताल में एक नवजात को बिना वैधानिक प्रक्रिया के दूसरे दंपति को सौंपे जाने का मामला सामने आया है। घटना रविवार रात करीब 12 बजे की है, जब नगर के ट्रांजिट कैंप निवासी उमाशंकर की पत्नी संगीता ने स्वस्थ बालक को जन्म दिया। आरोप है कि अस्पताल की स्टाफ नर्स ज्योति ने नवजात को सोडी कालोनी (निकट रेलवे स्टेशन) निवासी एक दंपति को दे दिया, जो रात को ही बच्चे को लेकर अपने घर चले गए।

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इस मामले की जानकारी किसी सामाजिक कार्यकर्ता ने बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को दी। इसके बाद सीडब्ल्यूसी की सदस्य पुष्पा पानू और किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य रजनीश बत्रा ने अस्पताल पहुंचकर मामले की जांच की। जांच के बाद नवजात को दंपति के घर से वापस लाकर अस्पताल के न्यू बॉर्न बेबी वार्ड में भर्ती कर दिया गया।

नवजात के पिता उमाशंकर ने बताया कि उनके पहले से दो लड़के और एक बेटी है। उन्होंने यह भी बताया कि वह पहले से तय कर चुके थे कि यदि बच्चा लड़का हुआ तो उसे गोद दे देंगे। वहीं, स्टाफ नर्स ज्योति बाल्मीकि ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह कदम नवजात के माता-पिता की रजामंदी से उठाया गया था।

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सीएमओ डॉ. केके अग्रवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए डॉ. पंकज माथुर की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। समिति में मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्ष प्रो. मकरंद सिंह और एसीएमओ डॉ. डीपी सिंह को सदस्य बनाया गया है। जांच के बाद यदि आवश्यकता पड़ी, तो आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।

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बाल कल्याण समिति ने नवजात के माता-पिता और गोद लेने वाले दंपति की काउंसलिंग करने की बात कही है। साथ ही, अवैधानिक कार्यवाही के खिलाफ आगे की वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।