हल्द्वानी। पहाड़ी आर्मी ने रविवार को पहाड़ी स्वाभिमान रैली का आयोजन किया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। रैली के बाद, उन्होंने राज्यपाल को एक ज्ञापन भेजा, जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया।
ज्ञापन में मुख्य रूप से उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल द्वारा पहाड़ी समुदाय के खिलाफ की गई हेट स्पीच पर कार्रवाई की मांग की गई। इसके अलावा, 1950 के मूल निवास कानून को लागू करने, राज्य आंदोलनकारियों को “सड़कछाप” कहे जाने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की गई।
रैली में पहाड़ी आर्मी के संस्थापक अध्यक्ष हरीश रावत ने एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें प्रेम चंद अग्रवाल को पहाड़ के सभी मंदिरों और धार्मिक स्थलों से बहिष्कृत करने का आह्वान किया गया। उन्होंने कहा कि यदि प्रेम चंद अग्रवाल ने 10 मार्च तक इस्तीफा नहीं दिया, तो वह गैरसैंण में भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
इसके अलावा, आंदोलनकारियों ने राज्य में समान नागरिक संहिता (UCC) के प्रावधानों में बदलाव की भी मांग की, खासकर लिव-इन रिलेशनशिप और बाहरी लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने जैसे मुद्दों पर। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के मूल निवासियों के अधिकारों को संरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
रैली में विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों के नेता भी शामिल हुए, जिनमें जिला अध्यक्ष मोहन कांडपाल, कांग्रेस जिला अध्यक्ष राहुल छिमवाल, किसान मोर्चा के कार्तिक उपाध्याय और कई अन्य प्रमुख नेता शामिल थे।
रैली के बाद, ज्ञापन सिटी मैजिस्ट्रेट कार्यालय में सौंपा गया और पहाड़ी आर्मी ने गढ़वाल मंडल में आंदोलन के अगले चरण की शुरुआत करने का एलान किया।
आंदोलनकारियों ने साफ किया कि पहाड़ की अस्मिता और सम्मान की रक्षा के लिए वे किसी भी कीमत पर संघर्ष जारी रखेंगे।