किच्छा नगर पालिका चुनाव में देरी पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार से दो दिन में मांगा जवाब

खबर शेयर करें

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने किच्छा नगर पालिका चुनाव में देरी पर कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य सरकार से दो दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने पूछा कि जब नगर पालिका का आरक्षण तय हो चुका है, तो अब तक चुनाव क्यों नहीं कराए गए।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता नइमुल हुसैन ने कोर्ट को अवगत कराया कि पिछले डेढ़ साल से किच्छा नगर पालिका में प्रशासक ही सारा कार्यभार संभाल रहे हैं। अन्य सभी नगर पालिकाओं के चुनाव संपन्न हो चुके हैं, लेकिन किच्छा में चुनाव नहीं कराए जा रहे।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड: आईआईटी रुड़की में महिला सुरक्षा पर सख्ती, प्रोफेसर को नौकरी से हटाया गया

याचिका में कहा गया कि सरकार ने 14 दिसंबर को प्रदेश की 43 नगर पालिकाओं के अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण अधिसूचना जारी की थी, लेकिन उसमें किच्छा नगर पालिका का जिक्र नहीं था। इससे आशंका है कि सरकार वहां चुनाव टालने का प्रयास कर रही है। याचिकाकर्ता का कहना है कि आरक्षण नियमावली के अनुसार नगर पालिका अध्यक्ष पदों का आरक्षण रोस्टर के आधार पर तय किया जाना चाहिए, लेकिन सरकार ने 43 पदों के आधार पर ही आरक्षण निर्धारित कर दिया है।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी: संत निरंकारी मिशन का ‘प्रोजेक्ट अमृत’ सफाई अभियान 23 फरवरी को

इससे पहले, सरकार ने किच्छा नगर पालिका के कुछ गांवों को नगर पालिका में शामिल कर दिया था, जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। बाद में सरकार ने दोबारा इन क्षेत्रों को नगर पालिका में शामिल कर लिया, लेकिन अब चुनाव नहीं कराए जा रहे। कोर्ट ने पहले भी सरकार को नगर पालिका का आरक्षण तय करने के निर्देश दिए थे। अब जब आरक्षण तय हो चुका है, तो जल्द से जल्द चुनाव कराए जाने चाहिए।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तरकाशी: अनियंत्रित रोडवेज बस चबूतरे पर अटकी, बड़ा हादसा टला, 30 यात्री थे सवार

हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वह किच्छा नगर पालिका चुनाव की तिथि घोषित करे।

You cannot copy content of this page