उत्तरकाशी: उत्तरकाशी जिले के धराली में मलबे में दबे लोगों की तलाश अब अत्याधुनिक तकनीक से होगी। राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) की विशेषज्ञ टीम सोमवार को धराली पहुंच गई है। टीम ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) की मदद से उन स्थानों की पहचान करेगी, जहां मानव उपस्थिति की संभावना है।
इससे बचाव दल को सटीक स्थानों पर कार्य करने में आसानी होगी। जीपीआर तकनीक रेडियो तरंगों के जरिए सतह के नीचे वस्तुओं और संरचनाओं की खोज करती है। यह कीचड़ और पानी के बीच भी मानव उपस्थिति का पता लगाने में सक्षम है। इसी तकनीक का इस्तेमाल एनजीआरआई ने इस साल फरवरी में तेलंगाना के एसएलबीसी सुरंग हादसे में किया था।
प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावित 98 परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता के चेक प्रदान किए हैं। गंगोत्री विधायक सुरेश सिंह चौहान ने प्रभावितों को यह चेक सौंपे। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने मानवीय संवेदनाओं का परिचय देते हुए अपना एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने की घोषणा की है। दोपहर बाद हर्षिल घाटी में तेज बारिश शुरू हो गई, जिससे राहत और बचाव कार्य में बाधा आई और अभियान अस्थायी रूप से रोकना पड़ा।