ओटावा। कनाडा की लिबरल पार्टी ने पूर्व बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर मार्क कार्नी को अपना नया नेता चुन लिया है। इसके साथ ही वे कनाडा के अगले प्रधानमंत्री बन गए हैं। पार्टी के नेतृत्व चुनाव में कार्नी ने 85% से अधिक वोट हासिल कर बड़ी जीत दर्ज की।
प्रधानमंत्री पद की दौड़ में जीत दर्ज करने के तुरंत बाद कार्नी ने अमेरिका और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तीखे हमले बोले। उन्होंने ट्रंप द्वारा कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की कथित टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
“अमेरिका, कनाडा नहीं है। कनाडा कभी भी, किसी भी रूप में, अमेरिका का हिस्सा नहीं बनेगा।”
अमेरिका-कनाडा संबंधों पर कड़ा बयान
मार्क कार्नी ने आरोप लगाया कि अमेरिका कनाडा के संसाधनों, जल, भूमि और अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण पाना चाहता है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है, तो यह कनाडाई जीवनशैली को नष्ट कर देगा।
उन्होंने अमेरिका की स्वास्थ्य प्रणाली को “व्यवसाय” बताया, जबकि कनाडा की स्वास्थ्य सेवाओं को एक “अधिकार” करार दिया। व्यापारिक नीतियों पर बोलते हुए कार्नी ने स्पष्ट किया कि जब तक अमेरिका निष्पक्ष व्यापार का वादा नहीं करता, तब तक कनाडा जवाबी कार्रवाई करता रहेगा।
विपक्षी नेता पर भी साधा निशाना
कार्नी ने कंजरवेटिव पार्टी के नेता पियरे पोइलिवरे पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा,“पोइलिवरे सिर्फ बाजार की पूजा करते हैं और उन्होंने कभी अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया।” उन्होंने कनाडा की मजबूती पर जोर देते हुए कहा, “हमारी ताकत हमारे लोगों में है और हम इस संकट से उबरकर और भी मजबूत होंगे।” अपने संबोधन का अंत “कनाडा अमर रहे” के नारे के साथ किया।
अर्थशास्त्री से प्रधानमंत्री बने कार्नी
मार्क कार्नी राजनीति में नए हैं, लेकिन वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त अर्थशास्त्री हैं। वे बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर रह चुके हैं। कार्नी की अर्थव्यवस्था और वित्तीय संकट प्रबंधन पर मजबूत पकड़ मानी जाती है।
आने वाली चुनौतियाँ
प्रधानमंत्री बनने के बाद कार्नी के सामने कई अहम चुनौतियाँ होंगी। अमेरिका के साथ व्यापार विवाद, आर्थिक स्थिरता और घरेलू राजनीति उनकी प्राथमिकताओं में शामिल होंगे। उनके नेतृत्व में कनाडा की आर्थिक नीतियाँ किस दिशा में जाएंगी, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।