शादी का झांसा देकर अपहरण, फिर रामगंगा में फेंककर हत्या…सुनीता देवी गुमशुदगी प्रकरण में बड़ा खुलासा, चार आरोपी गिरफ्तार

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बेरीनाग। तीन महीने से रहस्यमय ढंग से लापता सुनीता देवी की गुमशुदगी मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में सामने आया है कि सुनीता देवी का अपहरण कर उसकी हत्या की गई थी। मामले में मुख्य आरोपी विजय प्रसाद समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।

16 सितंबर को दडमेत कमदीना निवासी बहादुर राम ने अपनी बहू सुनीता देवी की गुमशुदगी राजस्व पुलिस में दर्ज कराई थी। 16 अक्टूबर को यह मामला रेगुलर पुलिस को हस्तांतरित हुआ। एसपी पिथौरागढ़ रेखा यादव के निर्देश पर चल रही विवेचना में पुलिस को कई अहम सुराग मिले।

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जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
पुलिस के अनुसार ग्राम किसमिला (थाना कपकोट, बागेश्वर) निवासी विजय प्रसाद ने सुनीता देवी को शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था। विवेचना में यह भी पुष्टि हुई कि इससे पूर्व भी विजय कई बार सुनीता को अपने घर व अन्य जगहों पर ले गया था। सुनीता भी बार-बार प्रेमी से मिलने उसके घर जा रही थी, जिससे विजय के परिजन नाराज़ थे।

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हत्या कर रामगंगा में फेंका शव
पुलिस पूछताछ और एकत्रित साक्ष्यों में सामने आया कि नाराज़गी के चलते विजय प्रसाद और उसके परिजनों ने षड्यंत्र रचकर सुनीता देवी को रामगंगा नदी में फेंककर हत्या कर दी। इस आधार पर पुलिस ने मुकदमे में धारा 87/140(1)/3(5) बीएनएस की बढ़ोतरी की।

अभियुक्तों की निशानदेही पर बरामद हुआ सामान
प्रभारी निरीक्षक नरेश कुमार गंगवार के नेतृत्व में की गई कार्रवाई में चारों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों की निशानदेही पर रामगंगा नदी से सुनीता देवी का बैग, फोटो, एक स्वेटर और दुपट्टा बरामद किया गया। हालांकि, शव अब तक नहीं मिल पाया है और उसकी तलाश जारी है।

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गिरफ्तार आरोपी:
विजय प्रसाद (22) पुत्र रमेश राम
रमेश राम (42) पुत्र अनीराम
हरीश राम (43) पुत्र करम राम
बलवंत राम (45) — रिश्ते में मुख्य आरोपी के पिता, चाचा और ताऊ
सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया।

कार्रवाई में शामिल टीम:
वरिष्ठ उपनिरीक्षक हरीश सिंह कोरंगा, उपनिरीक्षक पूजा मेहरा, अपर उपनिरीक्षक भुवन चन्द्र पाण्डेय, कांस्टेबल गोपाल पाण्डेय और कांस्टेबल राजकुमार।