नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार का सिलसिला जारी है। रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास युद्ध के बीच एशिया की इन दो महाशक्तियों के संबंधों में आ रहा सुधार वैश्विक स्थिरता के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल इन दिनों चीन की यात्रा पर हैं, जहां वह स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव स्तर की वार्ता में हिस्सा ले रहे हैं। इस यात्रा के दौरान डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी और उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की है।
अजित डोभाल और वांग यी के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बनी है, जिनमें सबसे अहम कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर लिया गया फैसला है। पांच वर्षों से बाधित इस यात्रा को फिर से शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है। डोकलाम विवाद के बाद चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को रोक दिया था, जिससे भारतीय तीर्थयात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा था। डोभाल और वांग यी के बीच हुई बातचीत के बाद इस पवित्र यात्रा के मार्ग के खुलने की संभावना प्रबल हो गई है।
छह प्रमुख मुद्दों पर बनी सहमति अजित डोभाल और वांग यी के बीच हुई वार्ता के दौरान जिन छह मुद्दों पर सहमति बनी है, वे निम्नलिखित हैं:
- कैलाश मानसरोवर यात्रा का फिर से शुरू होना – तिब्बत में स्थित इस धर्मस्थल की यात्रा अब बिना किसी बाधा के भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए खुल जाएगी।
- सीमा पार आवागमन में सहयोग – दोनों देशों के बीच सीमा पार सहयोग को और मजबूत करने का निर्णय लिया गया है।
- नाथूला बॉर्डर ट्रेड का फिर से आरंभ – भारत और चीन ने नाथूला के माध्यम से सीमा व्यापार फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है।
- सीमा विवाद पर बातचीत – भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सकारात्मक चर्चा हुई है।
- सीमा पार नदियों पर सहयोग – दोनों देशों के बीच बहने वाली नदियों के प्रबंधन और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है।
- विभिन्न मुद्दों पर संवाद को बढ़ावा देना – दोनों देशों के बीच संवाद प्रक्रिया को तेज करने और विश्वास बहाली के प्रयासों को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है।
उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी मुलाकात
NSA अजित डोभाल ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय मुद्दों के साथ-साथ व्यापार, निवेश और अन्य सहयोगी मामलों पर चर्चा की गई।
भारत-चीन के बीच संबंधों में सुधार की इस पहल को एशियाई भू-राजनीति के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आने वाले दिनों में कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने के औपचारिक ऐलान का भी इंतजार किया जा रहा है।