भवाली। प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद उत्तराखंड शासन के उपाध्यक्ष नवीन वर्मा ने शनिवार को भवाली–रातीघाट निर्माणाधीन बाईपास का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उनके साथ भीमताल ब्लॉक प्रमुख डॉ. हरीश बिष्ट, व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रशेखर पंत, वरिष्ठ समाजसेवी मोहन सिंह बोरा, किशोर जोशी और निर्मल सिंह चम्याल मौजूद रहे।
निरीक्षण के उपरांत नवीन वर्मा ने बताया कि कैंची धाम में प्रतिदिन बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या के चलते भवाली से रातीघाट तक हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। उन्होंने कहा कि इस जाम से अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चमोली जिलों के लोगों को भारी असुविधा झेलनी पड़ती है। व्यापारियों को माल ढुलाई में देरी होती है, वहीं मरीजों को भी इलाज के लिए हल्द्वानी पहुँचने में कठिनाई होती है।
उन्होंने कहा कि लंबे जाम के कारण कुमाऊँ मंडल के पर्यटन स्थल रानीखेत, अल्मोड़ा, कौसानी, चौकोड़ी, मुनस्यारी, कसार देवी और ग्वालदम का पर्यटन व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। यह मार्ग गढ़वाल मंडल को जोड़ने वाला चारधाम यात्रा का मुख्य मार्ग भी है, इसलिए इसकी महत्ता और बढ़ जाती है।
नवीन वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बाईपास परियोजना को प्राथमिकता में रखते हुए कार्यदाई संस्था को सख्त निर्देश दिए हैं कि निर्माण कार्य को शीघ्र गति दी जाए। निरीक्षण के दौरान लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता रत्नेश सक्सेना ने जानकारी दी कि अप्रैल 2026 तक इस बाईपास पर आवागमन शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
वर्मा ने विभागीय कार्यप्रणाली पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता इस मार्ग को आगामी पर्यटन सीजन से पहले शुरू करवाने की है। उन्होंने कहा कि बाईपास निर्माण की प्रगति रिपोर्ट नियमित रूप से मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी। उल्लेखनीय है कि व्यापार मंडल बागेश्वर, अल्मोड़ा और रानीखेत पिछले कई वर्षों से इस बाईपास निर्माण की मांग को लेकर आंदोलनरत रहे हैं। मुख्यमंत्री की पहल से अब इस महत्वपूर्ण परियोजना को शीर्ष प्राथमिकता दी जा रही है।
